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क्रिप्टो करेंसी के नाम पर 200 करोड से ज्यादा की ठगी

*पांच साल में फर्जी पोंजी स्कीम में निवेश कराया, पांच गिरफ्तार, सरगना फरार

शिमला/दि.03– हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टों करेंसी में निवेश के नाम पर हजारों लोगों से 200 करोड रूपए से ज्यादा की ठगी का मामला सामने आया है. जालसालों ने क्रिप्टों खाता खुलवाने के बाद इन लोगों से पोंजी योजनाओं में निवेश के नाम पर भी फर्जीवाडा किया. मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जबकि सरगना फरार है. फिलहाल कांगडा और हमीरपुर में हुए फर्जीवबाडे के ही आंकडे सामने आए हैं. अन्य शहरों की जानकारी आने पर ठगी की रकम दो हजार करोड रू. के पार जाने की आशंका है. निर्दलीय विधायक होशियार सिंह के विधानसभा में मामला उठाने के बाद एसआईटी गठित की गई है. आरोपियों ने 2018 में केआरओ और डीजीटी के नाम से दो क्रिप्टोकॉइन शुरू किए. गिरोह के सदस्यों ने शुरूआत में लोगों को कम समय में भारी रिटर्न का झांसा देकर नेटवर्क खडा किया है. इनसे एक्टिवेशन फीस के नाम पर पैसे लिए गए.

खाता शुरू होने के बाद पोंजी योजनाओं की तर्ज पर इन्हें नए निवेशकों को जोडने पर और फायदे का लालच दिया गया. गलत जानकारी और जरूरत पडने पर धमकी देकर नये सदस्य बनाने का सिलसिला चलता रहा. इनसे मिली रकम से कुछ पुराने सदस्यों को भारी रिटर्न दिया, जिन्हें ब्रांड एंबेस्डर बनाकर पेश किया गया. गिरोह ने पांच साल में चार फर्जी क्रिप्टो शुरू किए और इनकी कीमत बढाचढाकर दिखाते रहे. साइबर क्राइम विभाग के एसपी रोहित मालपानी ने बताया , उन्हें इस साल 50 शिकायतें मिल चुकी है. आठ एफआईआर दर्ज की गई. जांच के दौरान ठगी के ऐसे कई मामले सामने आए है. डीजीपी संजय कडू ने कहा गिरोह की संपत्ति की जानकारी को लेकर वित्तीय जांच जारी है. सरागना को जल्द पकड लिया जायेगा.

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