गांधीजी ने कहा था स्वराज सिर्फ साहसी और स्वच्छजन लोग ही है ला सकते
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रतिपादन
नईदिल्ली/दि.८-पीएम ने कहा कि पूज्य बापू, स्वच्छता में स्वराज का प्रतिबिंब देखते थे. वो स्वराज के स्वपन की पूर्ति का एक मार्ग स्वच्छता को भी मानते थे. मुझे संतोष है कि स्वच्छता के प्रति बापू के आग्रह को समर्पित एक आधुनिक स्मारक का नाम अब राजघाट के साथ जुड़ गया है. ऐसे ऐतिहासिक दिवस पर, राजघाट के समीप, राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का लोकार्पण अपने आप में बहुत प्रासंगिक है. ये केंद्र, बापू के स्वच्छाग्रह के प्रति 130 करोड़ भारतीयों की श्रद्धांजलि है, कार्यांजलि है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को राजघाट पहुंचे और राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र (आरएसके) का उद्घाटन किया. महात्मा गांधी को समर्पित राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र की प्रधानमंत्री ने सबसे पहले घोषणा 10 अप्रैल 2017 को गांधीजी के चंपारण ‘सत्याग्रहÓ के 100 वर्ष पूरे होने के मौके पर की थी. यह स्वच्छ भारत मिशन पर एक परस्पर संवादात्मक अनुभव केंद्र होगा.
आरएसके पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने वहां स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और केंद्र का अवलोकन किया. आरएसके में स्थित सभागार में प्रधानमंत्री ने ‘दर्शक 360 डिग्रीÓ का अनूठा ऑडियो-विजुअल कार्यक्रम देखा, जिसमें भारत की स्वच्छता की कहानी यानी दुनिया के इतिहास में लोगों की आदतों में बदलाव लाने वाले सबसे बड़े अभियान की यात्रा दिखाई गई.
उन्होंने कहा कि आज के विश्व के लिए गांधी जी से बड़ी प्रेरणा नहीं हो सकती. गांधी जी के जीवन और उनके दर्शन को अपनाने के लिए पूरी दुनिया आगे आ रही है.