गहलोत सरकार ने ध्वनि मत से जीता विश्वास मत
अब अगले ६ माह तक राजस्थान सरकार पर कोई खतरा नहीं
जयपुर/दि.१४- राजस्थान सरकार पर अब अगले 6 महीने कोई संकट मंडराने के आसार नहीं है. इसकी वजह यह है कि अशोक गहलोत सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में विश्वास मत ध्वनि मत से जीत लिया है.विश्वास मत प्रस्ताव पर बहस के दौरान गहलोत ने कहा, भाजपा और उनके हाईकमान ने सरकार गिराने की कोशिश की थी, लेकिन राजस्थान में सियासी घटनाक्रम का जिस तरह अंत हुआ, उससे अमित शाह को धक्का लगा.
गहलोत ने कहा कि क्या ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स विभाग का दुरुपयोग नहीं हो रहा? जब आप किसी से फोन पर बात करते हैं तो क्या सामने वाले से ऐसा नहीं कहते कि फेस टाइम और वॉट्सऐप के जरिए बात करें? क्या लोकतंत्र में ये कोई अच्छी बात है?
मुख्यमंत्री ने कहा भाजपा नेताओं की स्थिति ऐसी है जैसे सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली. मैं 69 साल का हूं, 50 साल से राजनीति में हूं. आज लोकतंत्र को लेकर मन में चिंता है. विपक्ष जितनी चाहे कोशिश कर लें, लेकिन सरकार गिरने नहीं दूंगा.
विधानसभा के विशेष सत्र के पहले दिन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई. कांग्रेस के चीफ व्हिप महेश जोशी ने स्पीकर सीपी जोशी के सामने विश्वास मत प्रस्ताव का नोटिस रखा. मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को श्रद्धांजलि देने के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही दोपहर 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने विश्वास मत प्रस्ताव रखा और बहस शुरू हो गई. करीब 3 घंटे चली बहस मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के जवाब के बाद पूरी हुई और विश्वास मत प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित होने के बाद सदन की कार्यवाही अगले शुक्रवार यानी 21 अगस्त तक स्थगित कर दी गई.
संसदीय कार्य मंत्री बोले- न तो शाह की चली, न तानाशाह की चली
बहस के दौरान संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कहा, ‘राजस्थान में न तो किसी शाह की चली, न तानाशाह की. भाजपा कहती है कि कांग्रेस ने विधायकों की बाड़ेबंदी की, अगर ये बाड़ेबंदी है तो आपने जो विधायक गुजरात भेजे थे, वे क्या रासलीला रचाने के लिए गए थे? महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए भाजपा ने आधी रात को राष्ट्रपति को जगा दिया. जिस दिन फडणवीस की सरकार गिरी, उस दिन मोटा भाई और छोटा भाई को इस्तीफा दे देना चाहिए था.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया बोले, 35 दिन में 5 फिल्में रिलीज हुईं. बाड़ेबंदी 1,2,3,4, 5…आखिरी बाड़ेबंदी में फेयरमोंट की इटेलियन डिश और क्रिकेट चल रहा था. इस बीच कुछ पीडि़तों की चीखें भी थीं. राजस्थान का जुगाड़ मशहूर है. उस जुगाड़ के लिए जादूगर भी मशहूर हैं. हॉर्स ट्रेडिंग की बात करते हो, आप तो बसपा के पूरे के पूरे हाथी गटक गए.
सदन में सीट बदलने पर पायलट बोले- यह सरहद है
बहस के बीच प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ बार-बार सचिन पायलट का नाम ले रहे थे. इस पर पायलट बीच में खड़े होकर स्पीकर से बोले, ‘आपने मेरी सीट में बदलाव किया. मैंने सोचा- मेरी सीट यहां क्यों रखी है? मैंने देखा कि यह सरहद है, जहां एक तरफ सत्ता पक्ष और दूसरी ओर विपक्ष. सरहद पर उसे भेजा जाता है, जो सबसे मजबूत होता है.
पायलट ने कहा, ‘समय के साथ सभी बातों का खुलासा होगा. जो कुछ कहना-सुनना था, वह कह दिया. हमें जिस डॉक्टर के पास अपना मर्ज बताना था बता दिया. सदन में आए हैं तो कहने-सुनने की बातों को छोडऩा होगा. इस सरहद पर कितनी भी गोलीबारी हो, ढाल बनकर रहूंगा.
पायलट के लिए दूसरी लाइन में सीट अलॉट
डिप्टी सीएम के पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट अब अशोक गहलोत के बगल वाली सीट पर नहीं बल्कि दूसरी लाइन में बैठे. उनके लिए निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के बगल वाली 127 नंबर की सीट अलॉट की गई है. गहलोत के पास वाली सीट पर मंत्री शांति धारीवाल बैठे.
विधानसभा की कार्यवाही के दौरान सचिन पायलट और अन्य विधायक
पायलट के साथ ही पूर्व मंत्री विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा की सीट भी बदली है. विश्वेंद्र को आखिरी लाइन में 14 नंबर सीट और मीणा के लिए पांचवीं लाइन में 54 नंबर की सीट दी गई है. कोरोना की वजह से भी विधायकों को दूर-दूर बैठाया गया. इसके लिए 45 से ज्यादा अतिरिक्त सीटें लगाई गईं हैं. सदन में हंगामे की आशंका को देखते हुए सोफे और कुर्सियों को चेन से बांधकर रखा गया है.