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अलिबाग की सफेद प्याज को भौगोलिक मानांकन

केन्द्र सरकार ने दी मान्यता

अलिबाग/प्रतिनिधि दि.२ – अलीबाग की रूचिकर और औषधी गुणधर्म रहनेवाली सफेद प्याज को आखिर भौगोलिक मानांकन प्राप्त हुआ है. केन्द्र सरकार ने इस संबंध के प्रस्ताव को मान्यता दी है. वाडा कोलम को नामांकन मिलने की प्रक्रिया शुरू होने पर सफेद प्याज को भी यह दर्जा मिलने से किसानों का उत्साह बढ गया है.
सफेद प्याज को भौगोलिक मानांकन मिले इसके लिए लगातार मांग की जा रही थी. इस प्याज के रोपण के ऐतिहासिक दाखले भी १८८३ वे वर्ष के कुलाबा गॅजेट में देखने को मिलते है. यहां किसानों ने इस प्याज के शुध्द बीज संवर्धित किए है.
विगत कई वर्ष तक इसके लिए शासनस्तर पर प्रयास शुरू था. इसके लिए कृषि विभाग, कोकण कृषि विद्यापीठ, ग्रेट मिशन ग्रुप कन्सल्टंसी में इसके लिए एक करार किया गया था. १५ जनवरी २०१९ को सफेद प्याज की आय मानांकन के लिए पंजीयन की गई थी. अलीबाग सफेद प्याज उत्पादन संघ भी स्थापित किया गया था. बुधवार को मुंबई में केन्द्र सरकार का पेटंट रजिस्ट्रार कार्यालय में सफेद प्याज को भौगोलिक मानांकन प्रस्ताव की जांच की गई. इस बैठक में अलिबाग की सफेद प्याज को भौगोलिक मानांकन बहाल किया गया. इस मानांकन के कारण अलिबाग की सफेद प्याज को स्वयं की पहचान मिलेगी.
चावल की कटाई के बाद जमीन में नमी दो माह तक टिकती है. जिसके कारण किसान सफेद प्याज का रोपण करते है. सेंद्रिय तरीके से पारंपरिक बीजों का उपयोग कर इस प्याज का रोपण किया जाता है. साधारण रूप से ढाई महिने मेें प्याज की फसल तैयार होती है. स्थानीय महिला विशिष्ट तरीके से इस प्याज की माला बनाती है और उसके बाद आकारनुसार बनाई गई इस सफेद प्याज की माला बाजार में बिकने के लिए आती है.

  • थोडी जानकारी

-अली बाग तहसील में नेऊली, खंडाले, कार्ले, वाडगांव आदि आठ गांव मेें इस प्याज का रोपण किया जाता है.
– यह प्याज गर्मी में दो से तीन महिने ही बिक्री के लिए आती है. इसी कालावधि में किसान स्वयं अगले वर्ष के लिए रोपण के लिए बीज तैयार करते है.
– पहले पारंपरिक तरीके से इस फसल का रोपण किया जाता है, ऐसा अब नहीं है. अब तकनीकी ज्ञान का उपयोग किया जाता है.

  • सफेद प्याज के फायदे

सफेद प्याज में औषधी गुणधर्म है. इसमें मिथाईल सल्फाइड और अमीनो एसिड रहती है. यह कोलेस्टॅरॉल को भी नियंत्रित रखती है तथा हृदय की शिकायते भी कम करती. रोज यह प्याज खाने से खून की कमी भी दूर होती है. सर्दी अथवा खांसी की समस्या हो तो ताजे प्याज का रस और गुढ़ और शहद एकत्रित कर दिया जाता है. मधुमेह के मरीजों के लिए भी यह प्याज उपयोगी है.
– प्याज को भौगोलिक नामांकन मिलने से हमारा इन्ट्रेस्ट बढ गया है. जिसके कारण प्याज को राजाश्रय मिलेगा. जिससे कीमत भी बढ़ेगी.
-सचिन पाटिल,
अध्यक्ष पांढरा कांदा उत्पादन संघ

-भौगोलिक मानांकन के कारण अलिबाग के नाम से अन्य सफेद प्याज की राज्य में बिक्री होती है. अब उसमें प्रतिबंध लग सकेगा.
-उज्वला बाणखेले
कृषि अधीक्षक रायगड

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