सरकार ने दोपहिया वाहनों के हेलमेट के लिए नए मानकों का ऐलान किया
देश में नॉन बीआईएस हेलमेट नहीं बनाए जाएंगे
नई दिल्ली/दि.३० – आगामी 1 जून 2021 से देश में नॉन क्चढ्ढस् हेलमेट ना तो बनाए जाएंगे और ना ही बेचे जाएंगे. रोड एंड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने इस बारे में क्वालिटी कंट्रोल ऑर्डर को नोटिफाई कर दिया है. मंत्रालय ने हेलमेट फॉर राइडर्स ऑफ टू व्हीलर्स मोटर व्हीकल्स (क्वालिटी कंट्रोल) नाम से आदेश जारी किया था. इसमें आदेश के उल्लंघन को अपराध माने जाने का भी जिक्र है.
ये किसी से छिपा नहीं है कि देश में बहुत से लोग ट्रैफिक चालान से बचने के लिए कोई भी हेलमेट लगा लेते हैं. आंकड़े गवाह हैं कि सड़क हादसों में ज्यादातर जान उन दुपहिया वाहन सवारों की जाती है, जो खराब क्वालिटी के हेलमेट पहने हुए होते हैं. नॉन क्चढ्ढस् हेलमेट्स को बैन करने के पीछे भी हादसों में होने वाली मौतों पर रोक लगाने का मकसद है. बता दें कि क्चढ्ढस् ही देश में बिकने वाले सामान की गुणवत्ता तय करने का काम करता है.
भारत सरकार के परिवहन मंत्रालय ने ये आदेश सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनाई गई कमेटी की सिफारिशों के बाद दिया है. इस कमिटी को ऐसे हल्के हेलमेट तैयार करवाने का जिम्मा सौंपा गया था, जो देश के वातावरण के हिसाब से अनुकूल हों. समिति ने मार्च 2018 में अपनी रिपोर्ट के विस्तृत विश्लेषण के बाद देश में हल्के वजन के हेलमेट की सिफारिश की थी. मंत्रालय ने इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया है. समिति की सिफारिशों के अनुसार बीआईएस ने अपने विशेष विवरणों में संशोधन किया है, इसके बाद अब हल्के भार के हेलमेट ही बनाए जा सकेंगे.
एक खबर के मुताबिक, पिछले साल दुपहिया वाहन वाले 56 हजार लोगों के हादसे हुए. इनमें से 43,600 लोगों की मौत हो गई क्योंकि उन्होंने हेलमेट नहीं पहन रखे थे. हालांकि इसका डाटा नहीं है कि बिना स्टैंडर्ड वाले हेलमेट की वजह से कितने लोगों की जान गई.