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सोलर कार मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देेने का सरकार कर रही विचार

  • देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बढाया कदम

  • पेट्रोल डीजल नहीं बल्कि सोलर एनर्जी पर दौड़ेगी कारें

नई दिल्ली/दि.२५– केंद्र की मोदी सरकार ने पूरे देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में चहलकदमी शुरू कर दी है. यहां पता चला है कि केंद्र सरकार की ओर से पेट्रोल, डीजल और बिजली से चलनेवाली कारों को नया मोड देने का विचार कर रही है. पता चला है कि केंद्र सरकार अब सोलर कार मैन्यूफैक्चरिंग (Solar Car Manufacturing) को बढ़ावा देने की तैयारी कर रही है. यह विचार यदि अमल में लाया जाता है तो निकट भविष्य में देश की सड़कों पर सोलर एनर्जी पर कारें दौड़ती दिखाई देगी. जिससे पेट्रोल, डीजल और बिजली की बचत होगी.
यहां सूत्रों से पता चला है कि सोलर कार मैन्यूफैक्चरिंग में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार की ओर से एक नई पॉलिसी का खाका तैयार किया जा रहा है, जिससे ऑटो कंपनियों को देश में सोलर कार मैन्यूफैक्चरिंग के लिए आकर्षित किया जा सके. सरकार उन ऑटो कंपनियों को टैक्स में छूट, सब्सिडी, सस्ता लोन और सस्ती जमीन मुहैया कराएगी जो सोलर कार मैन्यूफैक्चरिंग का प्लांट लगाने के लिए आगे आएंगे.
इस दिशा में काम को आगे बढ़ाने के लिए सरकार एक कमेटी का गठन करेगी, इस कमेटी में वित्त मंत्रालय, पावर-रीन्यूएबल (Power-renewable) एनर्जी मंत्रालय और भारी उद्योग मंत्रालय और इस क्षेत्र के जुड़े जाने माने एक्सपर्ट शामिल होंगे. जो प्रधानमंत्री कार्यालय को अपने सुझाव देंगे कि कैसे देश में सोलर कार मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा दिया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक सरकार इस योजना को लेकर बेहद गंभीर है. यहां एक अनुमान के मुताबिक भारत २०२१ तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा पैसेंजर वीकल मार्केट (Passenger Vehicle Market) बन जाएगा. ऐसे में सोलर मार्केट को लेकर सरकार को भी बड़ी संभावनाएं दिखती हैं.

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