नई दिल्ली/दि.१०- भारत सरकार और ट्विटर के बीच छिड़ा विवाद शांत होता नजर नहीं आ रहा है. ट्विटर ने भारत सरकार के निर्देश के तहत कुछ अकाउंट पर रोक तो लगाई है लेकिन आईटी मिनिस्ट्री ने स्पष्ट तौर पर 257 ट्विटर हैंडल को हटाने की बात कही है.
भारत सरकार ने ट्विटर के अधिकारियों को तलब कर कई सवाल पूछे हैं. सरकार ने ट्विटर से 1178 हैंडल्स को हटाने के लिए कहा था. हालांकि आज ट्विटर ने बताया 500 से अधिक सस्पेंड कर दिए गए हैं.
माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने बुधवार को एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं, राजनीतिज्ञों एवं मीडिया के ट्विटर हैंडल को ब्लॉक नहीं किया है क्योंकि ऐसा करने से अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का उल्लंघन होगा.
वहीं, सरकार की ओर से ट्विटर को कहा गया है अभिव्यक्ति की आजादी और आलोचना का अधिकार का हम सम्मान करते हैं, लेकिन अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर सरकार के खिलाफ नरसंहार करने के शब्दों और हेशटैग के दुरुपयोग की इजाज़त नहीं दी जा सकती है.
गौरतलब है कि कुछ वक्त पहले भारत सरकार ने ट्विटर से कुछ अकाउंट्स हटाने को कहा था, जिनका संबंध किसान आंदोलन से था, साथ ही खालिस्तानी समर्थक हैशटेग भी चलाने का आरोप था. इन अकाउंट्स को ट्विटर ने हटा दिया था, हालांकि कुछ वक्त बाद ही इन्हें दोबारा चालू कर दिया गया. जिसपर भारत सरकार की ओर से नाराजगी व्यक्त की गई थी.
ट्विटर की ओर से अब केंद्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद से मिलने का वक्त मांगा जा रहा है. ट्विटर की कोशिश है कि आपत्तिजनक हैशटेग को लेकर कोई कानूनी कदम उठा सके, ताकि इनका उपयोग कम हो सके. आईटी मंत्रालय द्वारा जानकारी दी गई है कि सेक्रेटरी आईटी, ट्विटर के अधिकारियों से मुलाकात करेंगे.