फ्लाइट से देश में लौटनेवाले यात्रियों के लिए सरकार ने जारी की नई गाईडलाईन
अब स्वयं उठाना पड़ेगा खर्चा
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स्टाफ का कोविड-19 टेस्ट नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद ही भरेगी उड़ान
नई दिल्ली/दि.२५– कोरोना महामारी (Corona virus Pandemic) के चलते विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिए वंदे भारत मिशन (Vance Bharat Mission) चलाया जा रहा है. इसी सिलसिले में सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है, ट्रांसपोर्ट बबल फ्लाइट्स के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (Standard Operating Procedure SOP) जारी करते हुए यात्रा के मानकों के बारे में जानकारी दी गई है. सिविल एविएशन मिनिस्ट्री (Civil Aviation Ministry) के नए नियमों के मुताबिक अब यात्रियों को अपना खर्च ही खुद ही उठाना होगा. इतना ही नहीं तो वंदे भारत फ्लाइट के यात्रियों को विदेश में भारतीय मिशनों के साथ खुद ही रजिस्टर्ड कराना होगा. वहीं एयर ट्रांसपोर्ट बबल के लिए रजिस्ट्रेशन की कोई जरूरत नहीं होगी. नए एसओपी के मुताबिक भारत आने वाली फ्लाइट में यात्रा करने के लिए यात्रियों को अपना सारा खर्च खुद उठाना होगा. पहले 14 दिनों के क्वारंटीन में रहने के लिए 7 दिन का खर्च सरकार और बाकी बचे दिनों का खर्च सरकार उठाती थी. इसके अलावा मास्क और सैनिटाइजर आदि की सुविधा भी एयरलाइंस वहन करता था. मगर अब ये चीजें भी यात्रियों को खुद से मैनेज करनी होंगी.
कई बार संक्रमित पायलट और क्रू मेंबर्स से भी महामारी का खतरा रहता है. इसलिए पहले सभी स्टाफ का कोविड-19 टेस्ट होगा. जिनकी नेगेटिव रिपोर्ट आएगी, उन्हें ही उड़ान भरने की अनुमति दी जाएगी. SOP में यह भी निर्देश है कि विदेश मंत्रालय (External Affairs Ministry) सभी वंदे भारत यात्रियों का एक डेटा बेस तैयार करेगा, जिसे वो संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ शेयर किया जाएगा. जिससे प्रत्येक यात्री का ब्योरा संबंधित राज्य के पास हो.
विदेश मंत्रालय और सिविल एविएशन मिनिस्ट्री इस मुश्किल दौर में अपने सिर और मुसीबत नहीं लेना चाहता. इसलिए अब यात्री अपनी रिस्क पर यात्रा करेंगे. ये बात पैसेंजर्स को अडरटेकिंग में साइन करके देनी होगी. वहीं एविएशन मिनिस्ट्री की ओर ऑनलाइन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हवाई यात्रा के शेड्यूल से दो दिन पहले नोटिस लगाकर सारी जानकारी सांझा करेगी. जिसमें यात्रा की तारीख, स्थान और आगमन का समय आदि की जानकारी होगी.