देश दुनिया

संपादीत जमीन पर सरकार का अधिकार

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया

* संपादीत जमीन का ताबा रखना बताया अतिक्रमण
नई दिल्ली/दि.13 – भूसाधन कानून अंतर्गत जमीन का अधिग्रहण कर उसका मुआवजा देने के बाद संपादीत जमीन पर सरकार का अधिकार रहता है. ऐसा स्पष्ट कर सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी संपादीत जमीन का ताबा रखना अतिक्रमण करार दिया है. इलाहबाद हाईकोर्ट ने एक मामले पर निर्णय देते हुए संपादीत जमीन पर ताबा रखने वाले व्यक्ति द्बारा किया गया अतिक्रमण समझा जाएंगा, ऐसा फैसला सुनाया. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सहमति दर्शाते हुए इलाहबाद कोर्ट का फैसला कायम रखा.
उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति द्बारा दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्बारा 2 फरवरी को जारी एक नोटीस को आव्हान दिया गया था. एक भूखंड पर का अतिक्रमण हटाने को कहा गया था. जिस पर हाईकोर्ट ने बताया था कि, भूसंपादन व निर्णय को मंजूरी मिलने के बाद संबंधित जमीन पर सरकार का ताबा रहता है. उत्तर प्रदेश सरकार ने संबंधित जमीन पर 1996 में लेकर राजस्व रिकॉर्ड पर वैसा बदलाव किया था. लेकिन याचिकाकर्ता ने दूबारा उस जमीन पर अतिक्रमण किया था. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका ठूकराते हुए संपादीत जमीन का ताबा लेना अतिक्रमण बताते हुए संपादीत जमीन पर पूर्ण रुप से सरकार का अधिकार बताया. हाईकोर्ट के निर्णय को कायम रखकर सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित याचिका ठूकराई है

Related Articles

Back to top button