नई दिल्ली/दि.११ – कृषि कानूनों के खिलाफ किसान अड़े हुए हैं, वहीं सरकार भी पीछे हटने के मूड में नहीं है. दिल्ली में गतिरोध जारी है. इस बीच विपक्ष भी मोदी सरकार पर हमला बोलने के साथ ही नसीहत दे रही है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख और पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने सरकार से कृषि कानूनों पर पुनर्विचार करने की मांग की है. पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि सरकार को कृषि कानूनों के बारे में पुनर्विचार करना चाहिए, इन कानूनों को बिना चर्चा के पारित किया गया था, सभी ने सरकार से कहा था कि वे इस पर चर्चा करें, लेकिन विपक्ष की बात को दरकिनार करते हुए सरकार ने कृषि कानूनों को संसद से जल्दबाजी में पारित किया.
पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि ऐसा मत सोचो कि अब केंद्र सरकार किसानों की मांग को सुनने के मूड में नहीं है, इसलिए यह आंदोलन आगे भी जारी रहेगा. अभी यह आंदोलन दिल्ली सीमाओं तक सीमित है. यदि सही समय पर निर्णय नहीं लिया गया तो यह आंदोलन अन्य जगहों पर फैल गया. मैं अनुरोध करता हूं कि किसानों के धैर्य की परीक्षा न लें. बता दें कि किसान आंदोलन का आज सोलहवां दिन है और दिल्ली के बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं. सरकार की सारी कोशिशें अब तक विफल साबित हुई हैं. आज इस मुद्दे पर मीडिया से मुखातिब हुए कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने एक बार फिर किसानों से धरना तोडऩे की अपील की. साथ उन्होंने एक नया सवाल भी खड़ा किया. टिकरी बॉर्डर पर किसानों के धरना स्थल पर देशद्रोह के आरोपी शरजील इमाम के पोस्टर लगे थे और उनकी रिहाई के नारे लगे थे. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने पूछा कि इसका किसानों के आदोलन से क्या लेना-देना. उन्होंने कहा कि ये खतरनाक है और किसान संगठनों को इससे खुद को दूर रखना चाहिए.