नई दिल्ली /दि.२५ – जीएसटी अब व्यापारियों के लिए जी का जंजाल बन गया है. २२ दिसंबर को केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी नियमों में धारा ८६-बी को जोडा गया. जिसमें प्रत्येक व्यापारी जिनका टर्नओवर ५० लाख रुपए से ज्यादा है उन्हें १ प्रतिशत जीएसटी जमा करवाना होगा. इस पर अपना विरोध जताते हुए कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया टे्रडर्स (कैट) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र भेजकर इस नियम को रद्द करने की मांग की और जीएसटी एवं आयकर में आडिट की रिर्टन भरने की अंतीम तारीख ३१ दिसंबर को भी तीन महिने तक आगे बढाने की मांग की.
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी.सी. भरतीया तथा राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने केंद्रिय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण को भेजे गए पत्र में यह भी कहा कि अब समय आ गया है जब एक बार सरकार को व्यापारियों के साथ बैठकर अब तक जीएसटी कर प्रणाली की संपूर्ण समीक्षा की जाए. तथा कर प्रणाली को सरल बनाया जाए. साथ ही इसका दायरा किस तरह से बढाया जाए इन मुद्दों पर उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात का समय भी मांगा. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि व्यापारी सरकार के साथ सहयोग करने को तैयार है किंतु कर प्रणाली जितनी सरल होगी कर का पालन भी आसानी से होगा उतनी ही अर्थव्यवस्था मजबूत होगी ऐसा पत्र द्वारा कैट के राष्ट्रीय अघ्यक्ष बी.सी भरतीया व राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा.