नई दिल्ली/दि.11-केंद्र सरकार ने भ्रामक विज्ञापनों के जरिए उपभोक्ताओं को लुभाने वाली कंपनियों पर नकेल कस दी हैं. दरसल, सरकार ने भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए आज नए दिशा-निर्देश जारी किए. इसके साथ ही अब इलायची के बहाने गुटखे का प्रचार नहीं चलेगा और न ही ग्राहकों को लुभाने के लिए मुफ्त दावे वाले विज्ञापन दिखाए जा सकेेंगे.
सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों में कहा गया है कि विज्ञापन जारी करने से पहले उचित सावधानी बरती जानी चाहिए. उपभोक्ता मामलो के मंत्रालय व्दारा अधिसूचित नए दिशा-निर्देशों में ‘सरोगेट’ विज्ञापनों पर भी रोक लगाई गई है, जो किसी अन्य उत्पाद का प्रचार करते है, जैसे- सोडा वॉटर के बहाने शराब का प्रचार करना या इलायची के बहाने गुटखे का प्रचार करना
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने इन दिशा-निर्देशों की घोषणा करते हुए कहा, “विज्ञापनों में उपभोक्ता काफी दिलचस्पी लेते है. केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (सीपीए) के तहत उपभोक्ताओं के अधिकारोंं को प्रभावित करने वाले भ्रामक विज्ञापनों से निपटने का प्रावधान है” उन्होंने कहा, “लेकिन उद्योग को अधिक स्पष्ट और जागरुक बनाने के लिए सरकार आज निष्पक्ष विज्ञापन के लिए दिशा निर्देश लेकर आई हैं.”
तत्काल लागू, उल्लंघन पर कार्रवाई
ये दिशा-निर्देश तत्काल प्रभाव से लागू हो गए है. प्रिंट, टेलीविजन और ऑनलाइन जैसे सभी मंचों पर प्रकाशित विज्ञापनों पर यह दिशा-निर्देश लागू होंगे. इनका उल्लंघन करने पर सीसीपीए के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी उद्घोषणा में पारदर्शिता की बात भी कही गई हैं.
बच्चों से जुडे विज्ञापनों पर भी नजर
बच्चों को निशाना बनाने वाले भ्रामक विज्ञापनों को भी अब नियंत्रित किया गया हैं. कंपनियों को स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधी फायदों के बारे में झूठे दावे करने से रोकने और उपहार का लालच देकर बच्चों को सामान और सेवाएं लेने के लिए राजी करने आदि पर रोक लगाने का प्रावधान हैं.