गडकरी को कमान देने की राय मानी होती तो आज कोरोना नियंत्रण में होता
सुब्रमण्यम स्वामी का केंद्र पर निशाना
नई दिल्ली/दि. 9 – कोरोना की स्थिति को संभालने में मोदी सरकार के नाकाम होने की बात विपक्ष की ओर से लगातार की जा रही है. इस बीच खुद भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राज्य सभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी ने भी कोरोना के मुद्दे पर केंद्र सरकार को ट्वीट कर सलाह दे दी थी और BJP को असमंजस में डाल दिया था. उन्होंने कहा था कि कोरोना संकट के काल में प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) बेकार है. इन पर निर्भर होने की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) कोरोना संकट से निपटने की जिम्मेदारी अपने सहयोगी नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को दे दें. इसके बाद स्वामी ने एक बार फिर ट्वीट कर केंद्र सरकार पर हमला बोला है और एक तरह से अपनी ही पार्टी के खिलाफ सुर अलापा है. सुब्रमण्यम स्वामी ने रविवार को अपने ट्वीट में कहा कि नितिन गडकरी के बारे में दिए गए मेरे प्रस्ताव को स्वीकार किया गया होता तो अच्छा होता. देश में कोरोना का संकट विकट होता जा रहा है. इसलिए मैंने प्रस्ताव दिया था कि कोरोना विरोधी लड़ाई की कमान केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हाथ देना चाहिए. अगर यह प्रस्ताव स्वीकार किया गया होता आज करोना की स्थिति सरकार के नियंत्रण में होती. लेकिन अब देश में कोरोना की स्थिति पर सुप्रीम कोर्ट ने एक समिति बनाई है. सॉलिसिटर जनरल कोर्ट की शरण में चले गए हैं. पहले गृह मंत्रालय आदेश दिया करता था. अब सरकार को सुप्रीम कोर्ट की सुननी पड़ेगी. लोकतांत्रिक देश में यह एक तरह से सरकार की पराजय है. कुछ इन शब्दों में सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी ही पार्टी की केंद्र सरकार को असुविधाजनक स्थिति में डाल दिया है.
इससे पहले सुब्रमण्यम स्वामी ने 5 मई को किए गए अपने ट्वीट में लिखा था कि भारत ने जिस तरह इस्लामी आक्रमणकारियों और ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ जंग जीती थी, उसी तरह इस बार भी भारत कोरोना के खिलाफ जंग जीतेगा. उन्होंने आगाह किया है कि भारत में एक और कोरोना की लहर आ सकती है, जिसमें बच्चे और अधिक खतरे में होंगे. ऐसे में जरूरी कड़े कदम उठाने होंगे. ऐसे में कोरोना से जंग का जिम्मा PM मोदी को नितिन गडकरी को सौंप देना चाहिए. PMO पर निर्भर रहने से काम नहीं चलने वाला है. स्वामी के इस ट्वीट के जवाब में नितिन गडकरी ने वर्धा में जेनेटिक लाइफ साइंसेस में एक मीटिंग के दौरान मीडिया से बातचीत में कहा, “मैंने कोई उत्कृष्ट काम वगैरह नहीं किया है. समाज में मुझसे ज्यादा योगदान देने वाले अनेक लोग हैं. अपने पुलिस कर्मचारी, सफाई कर्मचारी, डॉक्टर, कंपाउंडर, पैरामेडिकल के स्टाफ और सरकारी कर्मचारी जान की बाजी लगाकर दिन-रात काम कर रहे हैं. सामाजिक दायित्व समझकर मैंने भी पहल की है. फिलहाल जाति, धर्म, भाषा, पार्टी के भेद बीच में ना लाते हुए जरूरत है कि सभी मानवता के आधार पर सेवा करें. सभी लोग ऐसा कर रहे हैं. मैं भी थोड़ी कोशिश कर रहा हूं.”