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मराठा आरक्षण पर सुनवाई चार सप्ताह आगे टली

नई दिल्ली/दि.२७  – मराठा आरक्षण पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लगायी गयी अस्थायी स्थगिती को उठाया जाये और इस मसले पर संवैधानिक पीठ के समक्ष सुनवाई हो. राज्य सरकार के इस निवेदन पर मंगलवार को सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई होनेवाली थी. जिसे चार सप्ताह आगे मुलतवी कर दिया गया है.
बता दें कि, मराठा आरक्षण पर अंतरिम स्थगनादेश देते हुए यह प्रकरण सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ की ओर वर्ग किये जाने के चलते अब यह सुनवाई संवैधानिक पीठ के सामने ही होनी चाहिए. ऐसी मांग करते हुए राज्य सरकार ने संवैधानिक पीठ गठित करने का निवेदन मुख्य न्यायाधीश शरद बोबडे से किया है. साथ ही इस निवेदन में अंतरिम स्थगिती को हटाने की भी मांग की गई है. किंतु अब तक संवैधानिक पीठ का गठन नहीं हुआ है. अत: इसके पहले जिन तीन न्यायाधीशों की खंडपीठ ने स्थगनादेश से संबंधित फैसला सुनाया था, उनके सामने ही यह सुनवाई होगी, लेकिन इस खंडपीठ ने पहले ही मराठा आरक्षण की सुनवाई संवैधानिक पीठ के समक्ष होने का निर्णय दिया है. ऐसे में इस खंडपीठ के अंतरिम आदेश को निरस्त करने से संबंधित आवेदन पर भी संवैधानिक पीठ के समक्ष ही सुनवाई होनी चाहिए. ऐसी राज्य सरकार की भुमिका है. ऐसी जानकारी राज्य के राजस्व मंत्री तथा मराठा आरक्षण मंत्रीमंडल उपसमिती के अध्यक्ष अशोेक चव्हाण ने दी है.

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