नई दिल्ली/दि. 30 – कोरोना महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन की किल्लत को लेकर मोदी सरकार की हो रही आलोचनाओं के बाद अब भारत बायोटेक की कोवैक्सीन की कीमत को लेकर जंग छिड़ गयी है. इस जंग के पीछे भारत बायोटेक के प्रबंध निदेशक एल्ला कृष्णा का वह बयान है जो उन्होंने कोविड 19 पर हुई एक परिचर्चा के दौरान दिया. बयान में कहा गया “कोवैक्सीन की कीमत पानी की बोतल की कीमत से काम होगी.” कांग्रेस सहित तमाम राजनीतिक दल अब सरकार से पूछ रहे हैं कि पानी की बोतल की कीमत से कम में तैयार हो रही वैक्सीन राज्यों को 400 रुपए में , निजी अस्पतालों को 1200 रुपए में और केंद्र सरकार को 150 रुपए में क्यों बेची जा रही है. कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सहित दूसरे दलों ने सवाल उठाया है कि कोवैक्सीन की कीमत किस आधार पर और किसके कहने पर तय की गयीं. इन दलों की मांग थी कि सरकार पारदर्शिता के साथ कीमत तय करने के फार्मूले का खुलासा करे। कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने लोकमत से बातचीत करते हुए कहा कि जिस पानी की बोतल की बात की जा रही है , उसकी कीमत रुपय में आंकी गयी थी या पौंड में जिस देश में बेरोज़गारी आसमान छू रही हो , महंगाई कमर तोड़ रही हो , उस देश में कोई व्यक्ति वैक्सीन की दो डोज़ के लिए इतनी रकम कहा से लाएगा.