कोरोना से मरने वालों के परिजनों को कितना मिलेगा मुआवजा?
तय करने के लिए सरकार को SC से मिला और 4 हफ्ते का समय
नई दिल्ली/दि.16 – सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कोरोना वायरस महामारी से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा दिए जाने की गाइडलाइंस तैयार करने की समय सीमा को बढ़ा दिया है. कोर्ट ने इस मामले में केंद्र को 4 हफ्ते का और समय दे दिया है. केंद्र ने शीर्ष अदालत को बताया कि दिशानिर्देश तैयार करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और इसलिए इसे अंतिम रूप देने और लागू करने से पहले गहन जांच के लिए कुछ और समय की आवश्यकता है. इससे पहले 30 जून को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया था कि वह कोविड-19 के कारण मरने वालों के परिवारों को अनुग्रह राशि का भुगतान करने के लिए 6 सप्ताह के भीतर दिशानिर्देश तैयार करे. बता दें कि याचिका में चार लाख रुपए की मांग की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें कहा गया था कि कोरोना से मरने वालों के परिजनों को ऐसी कोई अनुग्रह राशि नहीं दी जा सकती है. कोर्ट ने अपनी ओर से मुआवजे की कोई राशि तय नहीं की, बल्कि उसने कहा कि एनडीएमए के तहत राष्ट्रीय प्राधिकरण द्वारा यह राशि निर्धारित की जाएगी. इस तरह से सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना से हुई मौतों पर चार लाख रुपये मुआवजा देने की मांग नहीं मानी.
यह निर्देश केंद्र द्वारा यह कहने के बाद आया था कि वर्तमान में NDMA में कोई “दिशानिर्देश/नीति/योजना नहीं है जो राष्ट्रीय बीमा तंत्र से संबंधित है. जिसका उपयोग COVID के कारण आपदा से संबंधित मौतों के भुगतान के लिए किया जा सकता है”. सुप्रीम कोर्ट ने 21 जून को उन दो जनहित याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें केंद्र और राज्यों को कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को कानून के तहत 4-4 लाख रुपये मुआवजा देने और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समान नीति बनाने का अनुरोध किया गया था.
अदालत में दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. इनमें याचिकाकर्ताओं के वकील रीपक कंसल और गौरव कुमार बंसल ने केंद्र और राज्यों को कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों को कानून के तहत चार-चार लाख रुपये का मुआवजा देने और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के लिए एक समान नीति का अनुरोध किया था.