लोकतंत्र निशाने पर हो तब मैं राजभवन में रबर स्टांप बन कर नहीं रह सकता
बंगाल के गवर्नर धनखड़ ने कहा
नई दिल्ली/दि.११ – कोलकाता में गुरुवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद कोलकाता से लेकिर दिल्ली तक का सियासी पारा चढ़ गया है. इस घटना को लेकर राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेज दी है. इन्हीं सब मुद्दों पर राज्यपाल धनखड़ ने स्पष्ट किया कि वो किसी पार्टी का पक्ष नहीं रखते बल्कि संवैधानिक दायरे में रहकर अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं.
संवैधानिक टूट और राज्य में राष्ट्रपति शासन से जुड़े सवाल पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने कहा कि मैं इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं करूंगा लेकिन कल जो कुछ भी हुआ वो एक अलार्मिंग सिचुएशन थी. यह लोकतांत्रिक व्यवस्था को धक्का पहुंचाने वाली घटना थी. आप इस पर भरोसा नहीं करेंगे कि जब मुझे सुबह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के दौरे का पता चला था तो मैंने राज्य के डीजीपी को सुबह 8 बजे ही अलर्ट किया था. इसके अलावा मैं मुख्य सचिव से भी संपर्क में था. राज्यपाल धनखड़ ने आगे कहा कि मैंने उन सभी को 8 बजे कार्यक्रम की जानकारी शेयर की थी. और मुझे उसके 19 मिनट बाद 8 बजकर 19 मिनट पर मुख्य सचिव का मैसेज मिला था. उन्होंने कहा था कि मैंने डीजीपी को अलर्ट कर दिया है. इसके आधे घंटे बाद जब मुझे लोगों के हिंसात्मक आचरण की सूचना मिली. राज्य प्रशासन पर उंगली उठाते हुए राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि राज्य प्रशासन ने ठीक से काम नहीं किया. मैंने डीजीपी और मुख्य सचिव को लिखा कि क्या आपने उन्हें सुरक्षा प्रदान की, आपने उन्हें अकेला छोड़ दिया. मैंने अपनी नाराजगी व्यक्ति की. मैंने उन्हें सिर्फ सूचित नहीं किया बल्कि इनपुट भी दिए. लेकिन इसके बाद माहौल नहीं सुधारा गया. जबकि मुख्य सचिव ने कहा कि उन्होंने डीजीपी को अलर्ट कर दिया था. मैंने उन्हें 9 बजे वापस सतर्क किया था जिसके कुछ घंटे बाद वह घटना घटी.
बीजेपी का पक्ष रखने वाले टीएमसी के आरोप पर धनखड़ ने कहा, वो कुछ भी कहते रहें, वो मुझे मेरे संवैधानिक दायित्वों को पूरा करने से नहीं रोक सकते. मैं कौन हूं. मैं वहां भारत के संविधान की रक्षा के लिए हूं. ममताजी को संविधान का अनुसरण करना ही होगा. जब वे इसका अनुसरण नहीं करती हैं तो मैं उसमें पड़ता हूं. मैं राजभवन में रबर स्टैंप बन कर नहीं रह सकता जब डेमोक्रेसी निशाने पर हो.
ममता पर निशाना साधते हुए राज्यपाल ने कहा, क्या आपने ममता बनर्जी का वीडियो देखा है, एक मुख्यमंत्री किस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रही है. मुझे बंगाल के कई लोगों का फोन आया कि हमारी बंगाली संस्कृति बदनाम हो रही है. लोगों की बात का मान रखते हुए मैंने मुख्यमंत्री से अपील की थी कि वो वीडियो डिलीट कर दें क्योंकि वह बंगाली संस्कृति का अपमान है, आप जो पोस्ट होल्ड करती हैं उसका अपमान है.
टीएमसी और राज्य सरकार को टारगेट करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं किसी को टारगेट नहीं करता, मैं संवैधानिक दायरों से बंधा हुआ हूं. मैं इसमें नहीं पड़ता कि किसने क्या कहा. मैं संविधान की लिपि में विश्वास रखता हूं. मैं कोई राजनेता नहीं हूं. मैं किसी राजनीतिक दल का पक्ष नहीं रख रहा. राजनीतिक हिंसा से जुड़े एक अन्य सवाल के जवाब में राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि जनता सब देख रही है. उन्होंने कहा कि मैं राज्य के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि मैं स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए काम करूंगा.