नई दिल्ली/दि.५ – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार की जनता के नाम एक पत्र लिखा है. बिहार चुनाव के बीच पीएम मोदी ने राज्य के लोगों से अपील करते हुए कहा, मुझे नीतीश सरकार की जरूरत है ताकि बिहार में विकास ठप न हो. डबल इंजन की ताकत अगले दशक में बिहार को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी. प्रधानमंत्री मोदी ने चार पन्नों का यह पत्र लिखा.
उन्होंने बड़ी संख्या में मतदान के लिए लोगों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि युवा-बुजुर्ग, गरीब, किसान सभी ने जिस तरह से वोट देने के लिए आगे आए हैं, वह आधुनिक और नए बिहार की तस्वीर दर्शाता है. लोकतंत्र के इस महापर्व में बिहार के मतदाताओं का जोश हमें और ज्यादा उत्साह से काम करने को प्रेरित करता है. सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास पर चलते हुए एनडीए सरकार बिहार के गौरवशाली अतीत को फिर से स्थापित करने के प्रतिबद्ध है. बिहार चुनाव का पूरा फोकस विकास पर केंद्रित रहा. एनडीए सरकार ने पिछले वर्षों में जो कार्य किए. उसका न केवल रिपोर्ट कार्ड पेश किया, बल्कि जनता के सामने आगे का विजन भी रखा. जनता को भरोसा है कि बिहार का विकास एनडीए सरकार ही करती है. बेहतर बुनियादी ढांचे का विकास और कानून का राज एनडीए सरकार ही करती है. अव्यवस्था और अराजकता के माहौल में नवनिर्माण संभव नहीं है. वर्ष 2005 के बाद से बिहार में माहौल बदला. नवनिर्माण आरंभ हुआ.
बिजली-पानी से लेकर शिक्षा-स्वास्थ्य तक अभूतपूर्व काम
एनडीए ने बिहार में बिजली, सड़क-पानी, शिक्षा-स्वास्थ्य समेत सभी क्षेत्रों में बहुत काम किया है. बिहार को अभाव से आकांक्षा की ओर ले जाना एनडीए सरकार की बहुत बड़ी उपलब्धि है. शौचालय, घर-घर गैस, जलापूर्ति, गरीब को बैंक से जोडऩे तक सब कुछ बिहारवासियों के वोट की ताकत से ही संभव है. प्रधानमंत्री आवास योजना से घर मिला तो मुद्रा योजना से गरीब जरूरतमंदों को कर्ज मिला. वृद्धावस्था में पेंशन से लेकर बीमा की सुरक्षा दी गई है. बिहारवासी स्वामित्व योजना का भी बहुत उम्मीद के साथ इंतजार कर रहे हैं.
एनडीए सरकार ने सड़क मार्ग के साथ ही जलमार्ग और हवाई मार्ग की कनेक्टिविटी भी बिहार में बढ़ाई है. कनेक्टिविटी जितना बढ़ेगी, उतना ही गरीब-किसान, नौजवान और मध्यम वर्ग के जीवनस्तर में सुधार आएगा. बिहार प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना का बड़ा हिस्सेदार है. बिहार गैस आधारित अर्थव्यवस्था में भी बड़ा भागीदार है. गंगा जी पर विकसित हो रहे जलमार्ग पर से भी बिहार को बहुत लाभ मिल रहा है. आज बिहार में दुकान या फैक्ट्री चलाने वाले से लेकर रेहड़ी-पटरी वाला तक सभी भयमुक्त होकर काम कर रहे हैं. लोग आत्मनिर्भर बिहार के संकल्प को साकार करने में जुटे हैं. मातृभाषा में शिक्षा के बिहार सरकार के निर्णय से भी अवसरों के नए द्वार खुले हैं.