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आईएमए ने की बाबा रामदेव के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज कराने की मांग

सोशल मीडिया पर वायरल बयान के बाद उमडा रोष

नई दिल्ली/दि.२२ – इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन से योग गुरु बाबा रामदेव पर महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की मांग की है. एसोसिएशन ने योग गुरु बाबा रामदेव के सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के उस बयान पर आपत्ति जाहिर की है, जिसमें उन्होंने ऐलोपैथी चिकित्सा पद्धति के खिलाफ बयान दिए हैं.
योग गुरु रामदेव के इस बयान को लेकर एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री से मांग की है कि या तो वह सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में बाबा रामदेव के आरोपों को मानकर देश की आधुनिक चिकित्सा पद्धति को भंग करें या फिर योग गुरु पर महामारी एक्ट के तहत केस दर्ज कर मुकदमा चलाए. अपने बयान में आईएमए ने यह भी कहा कि सरकार की ओर से रामदेव के खिलफ कार्रवाई नहीं किए जाने पर वह खुद कानूनी कार्रवाई करेगा. फ्री प्रेस जर्नल की खबर के अनुसार, सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में बाबा रामदेव ने कहा है, मॉडर्न एलोपैथी एक ऐसी स्टुपिड और दिवालिया साइंस है, लाखों लोगों की मौत एलोपैथ की दवा खाने से हुई है. उनके इस बयान को लेकर आईएमए काफी खफा है. अपने बयान में एसोसिएशन ने कहा कि बाबा रामदेव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग का गुरु होने के साथ ही एक दवा निर्माता कंपनी के दिग्गज भी हैं. वे जनता को गुमराह करने के लिए अपनी कंपनी के उत्पादों के बारे में कई बार झूठ भी बोल देते हैं.आईएमए ने यह भी कहा है कि बाबा रामदेव ने अपने बयानों से भारत के औषधि महानियंत्रक और स्वास्थ्य मंत्रालय को चुनौती दी है. इसलिए भारती दंड संहिता की धारा 188 के आलोक में महामारी रोग अधिनियम की धारा 3 के तहत बाबा रामदेव के खिलाफ अवज्ञा करने, लोगों का जीवन जोखिम में डालने और उन्हें एलोपैथी की सलाह न देने के लिए मुकदमा चलाया जाए. एसोसिएशन ने यह भी कहा कि बुखार या ज्वरनाशक के इलाज में उपयोग होने वाली दवा फेविपिरविर के बारे में उन्होंने जो उदाहरण दिए हैं, वह हास्यास्पद, बचकाना और उनके गहन वैज्ञानिक ज्ञान को प्रदर्शित करता है.

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