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अब तक 35 मौतें
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10 बांधों के लिए रेड अलर्ट
केरल/दि.१८ – केरल के दो जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं में मृतकों की संख्या सोमवार को बढ़कर 35 हो गई है. वहीं, मौसम विभाग ने बुधवार से और ज्यादा बारिश की संभावना जताई है. विभाग का कहना है कि सोमवार को कोट्टायम जिले के कुट्टीकल और पड़ोसी इडुक्की जिले के कोक्यार में मलबे के नीचे से और शव निकाले गए. राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, कुट्टीकल पंचायत के प्लापल्ली में भूस्खलन प्रभावित इलाके से 13 शव बरामद किए गए, वहीं कोक्यार से 9 लोगों के शव को निकाला गया.
इसके अलावा, राज्य के कोझीकोड, त्रिशूर और पलक्कड़ जिलों में डूबने से भी लोगों की मौतें हुई हैं. शनिवार को इडुक्की जिले के कंजर इलाके में बाढ़ के पानी में कार के बह जाने से दो लोगों की मौत हो गई थी. इधर, राज्यों के बांधों का जलस्तर भी डरा रहा है. बांधों में पानी लगातार बढ़ रहा है. प्रशासन ने कई बांधों के जलस्तर में बढ़ोतरी को देखते हुए अलर्ट जारी किया है. इडुक्की जलाशय में सोमवार को जल स्तर 2,396.96 फुट तक बढ़ गया जिसके बाद ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है, जबकि इडुक्की बांध की पूर्ण क्षमता 2,403 फुट है.
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बांधों में बढ़ सकता है पानी, अलर्ट जारी
एर्नाकुलम के कलेक्टर जाफर मलिक ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि बांध का मैनेजमेंट देखने वाले केरल राज्य बिजली बोर्ड ( केएसईबी) के मुताबिक सोमवार की शाम तक इडुक्की बांध का जल स्तर रेड अलर्ट के स्तर यानी 2397.86 फीट तक पहुंच सकता है और मंगलवार सुबह तक इसका लेवल बढ़कर 2398.86 फीट तक पहुंच सकता है.
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इन इलाकों में आई बाढ़
अचनकोविल नदी के किनारे पन्दलम के पास चेरिकल, पूझिकाडु, मुदियूरकोणम और कुरमबाला क्षेत्रों के निचले इलाकों में बाढ़ आई है. अचनकोविल में जल स्तर बढ़ रहा है और आरणमुला, किदंगन्नूर तथा ओमल्लूर के तटीय इलाकों में भी ‘अलर्ट’ जारी किया गया है. लोगों को पतनमतिट्टा जिले में बने विभिन्न राहत शिविरों में पहुंचाया गया है.
त्रिशूर की जिला कलेक्टर हरिथा वी कुमार ने चालक्कुडी नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने को कहा है, क्योंकि शोलेयार बांध के द्वारों को जल्द ही खोला जा सकता है, जिससे नदी का जल स्तर बढ़ सकता है.
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10 बांधों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी
केरल के राजस्व मंत्री के. राजन ने सोमवार को बताया कि जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण जल स्तर बढ़ने के बाद राज्य में 10 बांधों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है और यहां कक्की बांध के दो द्वार भी खोल दिए गए हैं. सबरीमला भगवान अयप्पा मंदिर की तीर्थयात्रा भी फिलहाल रोक दी गई है.
पतनमतिट्टा जिला कलेक्ट्रेट में स्थिति का जायजा लेने के लिए हुई समीक्षा बैठक के बाद राजन और राज्य की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 100 से 200 क्यूमेक्स पानी छोड़ने के लिए कक्की बांध खोलने का निर्णय किया गया है, जिससे पम्पा नदी में करीब 15 सेंटीमीटर तक जलस्तर बढ़ सकता है.
उन्होंने बताया कि बांध में पानी कर स्तर खतरे के निशान से ऊपर होने और 20 अक्टूबर से भारी बारिश के अनुमान के कारण यह निर्णय किया गया. पानी अभी नहीं छोड़ा गया, तो स्थिति आगे और खराब हो सकती थी.
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और खराब होगा केरल का मौसम
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने 20 से 24 अक्टूबर तक मौसम के और खराब होने का अनुमान जताया है, इस दौरान भारी बारिश हो सकती है. इस कारण स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सबरीमला में भगवान अयप्पा मंदिर में थुला मासम पूजा के लिए तीर्थयात्रा को अनुमति देना संभव नहीं होगा. इसके लिए मंदिर 16 अक्टूबर से खोला गया था. उन्होंने कहा कि फिलहाल तीर्थयात्राा को रोकने के अलावा ‘कोई और विकल्प नहीं है’ अन्यथा 20 अक्टूबर से होने वाली भारी बारिश के कारण पास की पम्पा नदी में जल स्तर और बढ़ गया, तो सभी को यहां से सुरक्षित निकालना मुश्किल हो जाएगा.
उन्होंने बताया कि जमीनी स्तर पर स्थिति सामान्य करने के लिए कक्की बांध के दो द्वार खोले गए हैं और बारिश भी धीमी हो गई है. पम्पा नदी के तट पर बसे लोगों को जिले में बनाए गए राहत शिविरों में पहुंचाने की व्यवस्था की गई है.
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83 शिविरों में 2000 से अधिक लोग मौजूद
राजन ने बताया कि जिले में 83 शिविर हैं, जहां 2000 से अधिक लोग मौजूद हैं. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दल को वहां तैनात किया गया है और जरूरत पड़ने पर राहत कार्यों में सहायता के लिए हवाई मार्ग से लोगों को निकालने वाले दल को भी तैयार रखा गया है. उन्होंने कहा कि फिलहाल घबराने की जरूरत नहीं है और सोशल मीडिया पर भी ऐसे संदेश ना प्रसारित करें, जिससे तनाव उत्पन्न हो.
जॉर्ज ने कहा कि लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है और ऐसे क्षेत्रों से दूर रहना अच्छा होगा, जहां बाढ़ या भूस्खलन का खतरा है.
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इन बाधों पर खतरा
राजन ने कहा कि कक्की, शोलेयार, पम्बा, मटुपट्टी, मोझियार, कुंडला, पीची सहित 10 बांधों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है. इनमें से अधिकतर बांध पतनमतिट्टा, इडुक्की और त्रिशूर जिले के अधीन आते हैं. इनके अलावा आठ बांध के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ भी जारी किया गया है.
इससे पहले, केरल सरकार ने भारी बारिश की वजह से कई बांधों में जल स्तर बढ़ने के मद्देनजर सोमवार को एक ‘अलर्ट’ जारी किया था कि कुछ बांधों के द्वार खोले जाएंगे, जिसके परिणामस्वरूप दक्षिण तथा मध्य केरल में नदियों में जल स्तर बढ़ सकता है.
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प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन से फोन पर बात की और बारिश के कारण उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की. मोदी ने ट्वीट किया, ‘केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन से बातचीत की और केरल में भारी बारिश तथा भूस्खलन के मद्देनजर स्थिति पर विचार-विमर्श किया. अधिकारी घायलों और प्रभावितों की सहायता के लिए काम कर रहे हैं.’
मोदी ने कहा, ‘मैं सभी के सुरक्षित रहने और उनकी भलाई के लिए प्रार्थना करता हूं.’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘यह दुखद है कि केरल में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कुछ लोगों की मृत्यु हो गई. मेरी संवदेनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं.’
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र भारी बारिश और बाढ़ से प्रभावित केरल के लोगों को हर संभव सहायता मुहैया कराएगा. उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि सरकार भारी बारिश और बाढ़ के मद्देनजर केरल के कुछ हिस्सों की स्थिति पर लगातार नजर रख रही है.
उन्होंने कहा, ‘केंद्र सरकार जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हर संभव सहायता मुहैया कराएगी. एनडीआरएफ की टीम पहले ही बचाव अभियान में मदद के लिए भेजी जा चुकी है. सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं.’ राज्य के राजस्व मंत्री के राजन के मुताबिक मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी.