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कोरोना काल मेें भारत के 100 अमीरों की बढ़ गई 13 लाख करोड़ संपत्ति

हर घंटे 1,70,000 लोगों की गई नौकरी

नई दिल्ली/दि.२५ – एक तरफ कोरोना महामारी की वजह से दुनियाभर के देशों की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है. करोड़ों लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है. वहीं, मानवाधिकार समूह ओक्सफैम ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना संकट की वजह से असमानता की खाई और चौड़ी होती जा रही है. रिपोर्ट में बताया गया है कि इस दौरान अमीर लोग और ज्यादा अमीर हो रहे हैं, जबकि इस महामारी के चलते गरीबी के दलदल में फंसे अरबों लोगों को इससे उबरने में वर्षों लग सकते हैं.
इनइक्वालिटी वायरस नाम से जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि दुनिया के 1000 सबसे अमीर लोगों ने अपने नुकसान को 9 महीने के अंदर ही हासिल कर लिया, लेकन गरीब लोगों को अपनी हालत सुधारने में लंबे समय लग सकते हैं.
ऑक्सफैम के गणित के मुताबिक बीते साल मार्च के बाद केंद्र ने संभवत: दुनिया के मुकाबले सबसे सख्त लॉकडाउन की घोषणा की. इस बीच देश के टॉप 100 अरबपतियों के एसेट में 12.97 ट्रिलियन रुपए की वृद्धि हुई. ये इतना पैसा है कि 138 मिलियन भारतीयों को 94,045 रुपए दिए जा सकते हैं. वहीं, अप्रैल 2020 के महीने में हर घंटे 1,70,000 लोगों ने अपनी नौकरी खो दी.
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में असमानता इतनी ज्यादा हो गई है कि किसी अकुशल कामगार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के जितना कमाने में 10 हजार साल लग सकते हैं.
यही नहीं दुनिया के 10 सबसे ज्यादा अमीरों की संपत्ति में इस दौरान इतना इजाफा हुआ है कि इससे पूरी दुनिया के लोगों को कोरोना की वजह से गरीबी में जाने से बचाया जा सकता है.
रिपोर्ट के अनुसार कोरोना वायरस ने दुनिया में मौजूद आय में असमानता को भयंकर तरीके से और बढ़ा दिया है, जिससे इसका असर शिक्षा, स्वास्थ्य और एक बेहतर जीवन जीने के अधिकारों पर और गहरा होगा. दुनिया के अमीर लोगों और दुनिया भर में गरीबी में जीने और गरीबी में ही मर जाने वाले लोगों के बीच की खाई खतरनाक तरीके से गहरा गई है. रिपोर्ट ने कहा है कि इस महामारी ने इस फैक्ट को उजागर कर दिया है कि दुनिया में जो लोग 2 डॉलर से 10 डॉलर की प्रतिदिन आय पर निर्भर रहते हैं, वे गरीबी के कगार पर हैं. यानी उन्हें एक दिन भी दिहाड़ी न मिले तो वो गरीबी को कुचक्र में फंस जाएंगे. ऑक्सफैम ने कहा कि कोरोना संकट के कारण जब उड़ानें बंद थीं तो अरबपति अपने लिए प्राइवेट जेट्स खरीद रहे थे.

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