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मन की बात में पीएम मोदी ने खिलौना कारोबार को बढ़ावा देने की कही बात

लोकल से वोकल पर दिया जोर

नई दिल्ली/दि.३०– प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने रविवार को मन की बात रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से लोकल के लिए वोकल होने की बात पर जोर दिया. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी देश की युवा प्रतिभाओं से भारतीय थीम वाले गेम्स बनाने की अपील की.
मोदी ने कहा कि हमारे देश में लोकल खिलौनों की बहुत समृद्ध परंपरा रही है. भारत के कुछ क्षेत्र टॉय क्लस्टर्स यानी खिलौनों के केंद्र के रूप में भी विकसित हो रहे हैं. कर्नाटक के रामनगरम में चन्नापटना, आंध्र प्रदेश के कृष्णा में कोंडापल्ली, तमिलनाडु में तंजौर, असम में धुबरी, उत्तर प्रदेश का वाराणसी कई ऐसे नाम हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा, ग्लोबल टॉय इंडस्ट्री (Global Toy Industry) सात लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की है. सात लाख करोड़ रुपये का इतना बड़ा कारोबार, लेकिन भारत का हिस्सा उसमें बहुत कम है. जिस राष्ट्र के पास इतनी विरासत हो, परंपरा हो, विविधता हो, युवा आबादी हो, क्या खिलौनों के बाजार में उसकी हिस्सेदारी इतना कम होना अच्छा लगेगा क्या?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब कंप्यूटर और स्मार्टफोन के इस जमाने में कंप्यूटर गेम्स का भी बहुत ट्रेंड है. इनमें भी जितने गेम्स होते हैं, उनकी थीम भी अधिकतर बाहर की होती है. हमारे देश में इतने आइडियाज हैं, बहुत समृद्ध हमारा इतिहास रहा है, क्या हम उन पर गेम्स बना सकते हैं? मैं देश के युवा टैलेंट से कहता हूं, आप भारत में गेम्स बनाइए और भारत के भी गेम्स बनाइए। कहा भी जाता है कि चलो, खेल शुरू करते हैं.
मोदी ने पोषण को जनांदोलन बनाने पर दिया जोर, सितंबर में मनेगा पोषण माह
मोदी ने न्यूट्रिशन (पोषण) पर जोर देते हुए कहा है कि सितंबर को पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा. जिस तरह से स्कूलों की क्लास में रिपोर्ट कार्ड बनता है, उसी तरह से न्यूट्रिशियन कार्ड की भी शुरूआत की जा रही है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत एक विशाल देश है, खान-पान में ढेर सारी विविधता है। हमारे देश में छह अलग-अलग ऋतुएं होती हैं, अलग-अलग क्षेत्रों में वहां के मौसम के हिसाब से अलग-अलग चीजें पैदा होतीं हैं। इसलिए यह बहुत ही महत्वपूर्ण है कि हर क्षेत्र के मौसम, वहां के स्थानीय भोजन और वहां पैदा होने वाले अन्न, फल, सब्जियों के अनुसार एक पोषक डाइट प्लान बने.
प्रधानमंत्री मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लाभ छात्रों तक पहुंचाने के लिए शिक्षकों से अपील की है. उन्होंने आगामी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस की चर्चा करते हुए कोरोना काल में शिक्षकों की भूमिका की सराहना की.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, कुछ दिनों बाद, पांच सितंबर को हम शिक्षक दिवस मनाएंगे. हम सब जब अपने जीवन की सफलताओं को, अपने जीवन की यात्रा को देखते हैं तो हमें अपने किसी न किसी शिक्षक की याद अवश्य आती है. तेजी से बदलते हुए समय और कोरोना के संकट काल में हमारे शिक्षकों के सामने भी समय के साथ बदलाव की एक चुनौती लगती है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पढ़ाई में तकनीक का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कैसे हो, नए तरीकों को कैसे अपनाएं, छात्रों को मदद कैसे करें, यह हमारे शिक्षकों ने सहजता से अपनाया है और अपने स्टूडेंट्स को भी सिखाया है.
मोदी ने कहा कि हमारे पर्व और पर्यावरण के बीच बहुत गहरा नाता रहा है. आम तौर पर ये समय उत्सव का है. जगह-जगह मेले लगते हैं, धार्मिक पूजा-पाठ होते हैं। जिससे कोरोना के इस संकट काल में लोगों में उमंग और उत्साह तो है ही, मन को छू लेने वाला अनुशासन भी है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, लोग अपना ध्यान रखते हुए, दूसरों का ध्यान रखते हुए, अपने रोजमर्रा के काम भी कर रहे हैं. देश में हो रहे हर आयोजन में जिस तरह का संयम और सादगी इस बार देखी जा रही है, वो अभूतपूर्व है. गणेशोत्सव भी कहीं ऑनलाइन मनाया जा रहा है, तो ज्यादातर जगहों पर इस बार इकोफ्रेंडली गणेश जी की प्रतिमा स्थापित की गई है.हमारे पर्व और पर्यावरण. इन दोनों के बीच एक बहुत गहरा नाता रहा है. जहां एक ओर हमारे पर्वों में पर्यावरण और प्रकृति के साथ सह जीवन का संदेश छिपा होता है तो दूसरी ओर कई सारे पर्व प्रकृति की रक्षा के लिए ही मनाए जाते हैं.

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