वर्ष 2024 के चुनाव में भाजपा के 81 सांसदों का कटेगा पत्ता
सन 1955 के बाद जन्मे नेताओं को ही मिलेगा लोकसभा के लिए टिकट
* अगले चुनाव के लिए भाजपा ने अभी से तय किया नया फार्मूला
नई दिल्ली/दि.26– लगातार दो आम चुनावों और हाल ही में उत्तर प्रदेश सहित चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में शानदार प्रदर्शन के बाद भाजपा ने वर्ष 2024 के संसदीय चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है. जिसके लिए सांसदों के प्रदर्शन, ग्राउंड फीडबैक, जातिय और क्षेत्रवार समीकरणों के साथ ही भाजपा ने उम्र के लिहाज से भी टिकटों के बंटवारे के लिए नियम बनाने शुरू कर दिये है.
सूत्रों के मूताबिक पार्टी के उच्चस्तर पर इस बात को लेकर सहमति बनी है कि ऐसे मौजूदा सांसद जिनका जन्म 1955 से पहले हुआ है, उन्हें 2024 में लोकसभा का टिकट नहीं दिया जाएगा. अगर यह नियम लागू हुआ तो भाजपा के मौजूदा 301 सांसदों में से 81 को टिकट नहीं मिलेगा. केवल एक-दो अपवादों में ही इस नियम से छूट मिलेगी. बीते लोकसभा चुनाव से ही भाजपा 70 साल से अधिक के नेताओें को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल न करने के नियम का पालन कर रही है. पार्टी का मानना है कि, नए लोगों को तभी मौका मिलेगा, जब पुराने कार्यकर्ता नए लोगों को रास्ता देंगे. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, यह टिकट काटना नहीं, बल्कि बैटन अपने से कम उम्र के कार्यकर्ताओं को सौंपने जैसा है.
* 2024 तक भाजपा के 25 फीसद सांसद 70 वर्ष के उपर होंगे
17 वीं लोकसभा में भाजपा के लगभग 25 फीसद सांसद 2024 के चुनाव तक 70 से अधिक उम्र के हो जायेंगे. 1956 से पहले जन्मे मौजूदा सांसदों में सबसे अधिक युपी से 12, गुजरात से 10, कर्नाटक से 9, महाराष्ट्र से 5, झारखंड से 2, बिहार से 6, मध्य प्रदेश से 5 और राजस्थान से 5 हैं.
* इन सांसदों का कट सकता है पत्ता
हेमा मालिनी (मथुरा), सदानंद गौडा (बेंगलुरू), रावसाहब दानवे (जालना), पी. के. सिन्हा (गाजियाबाद), अश्विनी चौबे (बक्सर), एस. एस. अहलूवालिया (वर्धमान), रीता बहुगुणा जोशी (इलाहाबाद), रतनलाल कटारिया (अंबाला), किरण खेर (चंडीगड), अर्जुनराम मेघवाल (बीकानेर), श्रीपद नायक (गोवा), सी. आर. पाटील (नवसारी), रविशंकर प्रसाद (पटना साहिब), राव इंद्रजीत सिंह (गुडगांव), गिरीराज सिंह (बेगूसराय), राधामोहन सिंह (पूर्वी चंपारण), आर. के. सिंह (आरा), सत्यपाल सिंह (बागपत)