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ओमिक्रोन के बढ़ते खतरे के मद्देनजर

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की राज्‍यों के साथ बैठक, दिए ये निर्देश

नई दिल्ली/दी15-ओमिक्रोन वैरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को इस महीने के अंत तक आक्सीजन संयंत्रों और उससे संबंधित प्रणाली का माक ड्रिल कर उसकी रिपोर्ट देने को कहा है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश के सभी आक्सीजन उत्पादन संयंत्र, आक्सीजन स्टोरेज, आक्सीजन आपूर्ति प्रणाली और आक्सीजन कंसंट्रेटर चालू स्थिति में हो। इसके साथ ही इन्हें चलाने के लिए कर्मचारियों के लिए जरूरी प्रशिक्षण का काम भी इस महीने के अंत तक पूरा करने को कहा गया है।

गौरतलब है कि दूसरी लहर के दौरान आक्सीजन की भारी कमी सामने आई थी। साथ ही प्रशिक्षित कर्मचारियों के अभाव में आक्सीजन कंसंट्रेटर होते हुए भी उनका का इस्तेमाल नहीं किया जा सका था। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों के साथ बैठक कर अस्पतालों में लगाए जा रहे आक्सीजन उत्पादन संयत्रों, उसके स्टोरेज और आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा की।

आक्सीजन सप्लाई से संबंधित उपकरणों की सप्लाई के बावजूद कई राज्यों में जिला अस्पतालों में उनके नहीं पहुंचने पर नाराजगी जताई। उन्होंने राज्यों को इसकी कड़ाई से निगरानी और सभी जिलों में आक्सीजन उपकरणों को इस महीने तक चालू हालात में लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इन उपकरणों के चालू स्थिति में होने की जांच के लिए माक ड्रिल करें और उसकी रिपोर्ट संबंधित पोर्टल पर तत्काल अपलोड करें।

दरअसल पीएम केयर फंड व अन्य स्त्रोतों से राज्यों में कुल 3,783 मीट्रिक टन क्षमता के 3,236 आक्सीजन उत्पादन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। इसके साथ ही राज्यों को पीएम केयर फंड से एक लाख 14 हजार आक्सीजन कंसंट्रेटर भी दिए गए हैं। इसके अलावा 1,374 अस्पतालों में मेडिकल गैस पाइपलाइन सप्लाई सिस्टम भी लगाए जा रहे हैं और लिक्विड आक्सीजन को रखने के लिए 958 स्टोरेज टैंक भी बनाए गए हैं।

भूषण ने साफ किया कि ये सभी उपकरण 31 दिसंबर के पहले चालू स्थिति में होने चाहिए। इनके चालू स्थिति में होने की रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड होने के बाद उनकी आनलाइन निगरानी की जाएगी। इस संबंध में कोई भी दिक्कत आने की स्थिति में राज्यों को सीधे एचएलएल इंफ्राटेक सर्विसेज, डीआरडीओ और सेंट्रल मेडिकल सर्विसेज सोसाइटी से संपर्क करने के लिए कहा गया है।

हाल ही में केंद्र सरकार ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि वे संक्रमण के इलाज में इस्‍तेमाल होने वाली आठ महत्वपूर्ण दवाओं का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करें साथ ही टीकाकरण पर विशेष फोकस करें। केंद्र ने राज्‍यों को अस्पतालों की तैयारियों की समीक्षा करने को भी कहा था। सरकार ने राज्‍यों से कहा था कि यह सुनिश्चित कर लें कि सभी अस्पतालों में पीएसए संयंत्र, वेंटिलेटर और आक्‍सीजन कंसंट्रेटर  का परिचालन सुचारू रूप से हो रहा है या नहीं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से नाराजगी जताते हुए कहा था कि इस बात को जानकर हैरानी होती है कि केंद्र की ओर से दिए गए कई वेंटिलेटरों की अभी पैकिंग तक नहीं खोली गई है। यही नहीं कई वेंटिलेटरों का इस्तेमाल तक नहीं किया गया है। ऐसी लापरवाही पर नजर रखने की जरूरत है ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि सभी आक्‍सीजन कंसंट्रेटर, पीएसए, आक्सीजन संयंत्र और वेंटिलेटर लगाए जाएं। इसकी भी जांच की जानी चाहिए कि ये संयंत्र सही तरीके से काम कर रहे हैं कि नहीं…

केंद्र सरकार ने मास्क का इस्तेमाल कम होने का हवाला देते हुए यह भी आगाह किया था कि लोग जोखिम मोल ले रहे हैं जबकि अभी मास्क हटाने का वक्त नहीं आया है। हम सभी को याद रखने की जरूरत है कि वैक्‍सीन की दोनों खुराक लेने के साथ मास्क का इस्‍तेमाल भी बेहद जरूरी है। राज्यों से कहा गया था कि कोविड-19 जांच का दायरा बढ़ाएं और निगरानी पर ध्यान दें ताकि मरीजों की जल्द पहचान हो सके। केंद्र ने सभी जिलों में आरटी-पीसीआर जांच सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे।

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