भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल जल्द
स्वास्थ्य मंत्रालय ने प्रेस ब्रीफींग में दी जानकारी
नई दिल्ली/दि.१३- कोरोना वायरस की महामारी के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन के तीसरे फेज का ट्रायल जल्द शुरू होगा. स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा गया कि ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन का ट्रायल भी तीसरे चरण में है. इसके नतीजे नवंबर से दिसंबर तक आ जाने की उम्मीद है.
वैक्सीन की खरीद के लिए धन से जुड़े सवाल पर स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि वैक्सीन बनाने वालों को प्री-क्लिनिकल ट्रायल में सहायता के लिए वित्तीय सहायता दी जा रही है. अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है. सिंगल डोज और डबल डोज टीके अभी विकसित हो रहे हैं. उन्होंने कोरोना से हुई मौतों की चर्चा करते हुए कहा कि इनमें से 10 फीसदी 26 से 44 साल के आयु वर्ग के युवा हैं. इसे लेकर चिंता जताते हुए राजेश भूषण ने कहा कि 35 फीसदी 45 से 60 साल आयु वर्ग के लोग हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव ने कहा कि अब तक कोरोना के 62 लाख मरीज उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं. देश में पॉजिटिविटी रेट 8.07 फीसदी है. देश में इस समय कोरोना के 9 लाख से कम एक्टिव केस हैं. उन्होंने दावा किया कि टेस्टिंग बढ़ी है और पॉजिटिविटी रेट कम हुआ है. एक दिन में 11 लाख 36 हजार टेस्ट किए गए हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश के 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में टेस्टिंग, देश के प्रति 10 लाख पर टेस्टिंग के औसत से अधिक है. इन राज्यों में पॉजिटिविटी रेट भी राष्ट्रीय औसत से नीचे है. प्रतिदिन नए मामलों के लिहाज से केरल देश में तीसरे नंबर पर है. कुछ सप्ताह पहले तक केरल शीर्ष 10 राज्यों में भी नहीं था. इस सूची में महाराष्ट्र और कर्नाटक शीर्ष दो राज्य हैं. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि मंत्रालय लगातार इन राज्यों के संपर्क में है.
एनसीडीसी के अनुमान का जिक्र करते हुए डॉक्टर वीके पॉल ने कहा कि सर्दियों में दिल्ली में रोजाना 15 हजार नए मामले सामने आने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि इसके लिहाज से तैयारी की गई है. हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि इतने केस आए ही.
इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के डीजी बलराम भार्गव ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया में दोबारा इंफेक्शन के दो दर्जन मामले सामने आए हैं. हमारे यहां भी कुछ लोग दोबारा संक्रमित हुए हैं. उन्होंने कहा कि दोबारा संक्रमण का डेफिनेशन डब्ल्यूएचओ भी डिसाइड नहीं कर रहा. 100 दिन बाद वायरस दोबारा अपनी चपेट में ले ले रहा. भार्गव ने कहा कि जो लोग ठीक हो चुके हैं, करीब 4 महीने तक एंटीबॉडी रहती है.