नई दिल्ली/दि.२८ – भारत ने कोरोना पर कंट्रोल करके दुनिया को बड़ी त्रासदी से बचाया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विश्व आर्थिक मंच के दावोस संवाद को संबोधित किया. दावोस एजेंडा में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आपने अर्थव्यवस्था के इस अहम मंच को इस मुश्किल वक्त में भी जीवंत बनाए रखा है. दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं कैसे आगे बढ़ेगी ये आज सबसे बड़ा सवाल है. उन्होंने कहा कि भारत की ओर से मैं दुनिया के लिए उम्मीद और सकारात्मकता का संदेश लेकर आया हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि जब कोरोना आया तो मुश्किलें भारत के सामने भी कम नहीं थीं. पिछले साल मार्च-अप्रैल में दुनिया के नामी एक्सपर्ट ने क्या-क्या कहा था. किसी ने भारत में कोरोना संक्रमण की सुनामी आने की बात कही थी तो किसी ने दो मिलियन से ज्यादा लोगों की मौत का अंदेशा जताया था. हालात देखकर भारत जैसे विकासशील देश के लिए दुनिया की चिंता भी जायज थी.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने ऐसे वक्त में भी खुद पर निराशा को हावी नहीं होने दिया. हमने कोरोना के लिए खास इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया और लोगों को कोरोना के खिलाफ जंग के लिए तैयार किया. भारत के हर व्यक्ति ने धैर्य के साथ अपने कर्तव्यों का पालन किया और कोरोना के खिलाफ लड़ाई को एक जनआंदोलन में बदल दिया. भारत आज उन देशों में हैं जो अपने ज्यादा से ज्यादा नागरिकों का जीवन बचाने में सफल रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की सफलता को किसी एक देश की सफलता से आंकना उचित नहीं होगा. जिस देश में दुनिया की 18 फीसदी आबादी रहती हो, उसने कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण करके पूरी मानवता को बड़ी त्रासदी से भी बचाया है. जब कोरोना शुरू हुआ तो मास्क, पीपीई किट, टेस्ट किट्स हम बाहर से मंगाते थे, आज हम न सिर्फ अपनी जरूरतें पूरी कर रहे हैं बल्कि इन्हें अन्य देशों में भेजकर वहां के नागरिकों की सेवा भी कर रहे हैं. आज भारत ही है जिसने दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू किया है.
कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम पर पीएम मोदी ने कहा कि भारत की स्पीड का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि सिर्फ 12 दिन में हमने अपने 2.3 मिलियन से ज्यादा हेल्थ वर्कर्स को वैक्सीनेट कर दिया है. उन्होंने कहा कि पूरा संसार स्वस्थ्य रहे, भारत की इस हजारों वर्ष पुरानी प्रार्थना पर चलते हुए संकट के इस समय में भारत ने अपनी वैश्विक जिम्मेदारी को भी शुरू से निभाया है.
पीएम मोदी ने कहा कि जब दुनिया के अनेक देशों में एयर स्पेस बंद था तब एक लाख से ज्यादा नागरिकों को उनके देश पहुंचाने के साथ ही भारत ने 150 से ज्यादा देशों को जरूरी दवाइयां भी भेजीं. अनेक देशों के हेल्थ कर्मियों को भारत ने ऑनलाइन ट्रेनिंग दी. आज भारत अनेक देशों को कोरोना वैक्सीन भेजकर वहां पर वैक्सीनेशन से जुड़े बुनियादी ढांचे को तैयार करके दुनिया के दूसरों देशों के नागरिकों के जीवन को भी बचा रहा है. अभी भारत की दो वैक्सीन दुनिया में आई हैं लेकिन आने वाले वक्त में भारत से कई और वैक्सीन भी आने वाली हैं. दुनिया के अर्थजगत को भरोसा दिलाते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आर्थिक मोर्चे पर भी हालात तेजी से बदलेंगे. कोरोना के वक्त में भी भारत ने इंफ्रास्ट्रक्चर के कोरोड़ों के प्रोजेक्ट शुरू करके, रोजगार के लिए विशेष स्कीम चलाकर आर्थिक गतिविधियों को बनाए रखा था. तब हमने एक-एक जीवन को बचाने पर जोर दिया, अब भारत का एक-एक जीवन देश की प्रगति के लिए पूरी जीजान से जुट गया है. अब भारत आत्मनिर्भर बनने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है जो वैश्विक परिवेश को भी मजबूत करेगी.
पीएम ने कहा कि भारत की हर सफलता पूरे विश्व की सफलता में मदद करेगी. आज जो हम आत्मनिर्भर अभियान चला रहे हैं वह भी ग्लोबल गुड्स और ग्लोबल सप्लाई चेन के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है. भारत के पास ग्लोबल सप्लाई चेन को मजबूती देने की क्षमता और योग्यता दोनों हैं. साथ ही भारत एक भरोसेमंद साथी भी है.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपने विकास को जलवायु परिवर्तन के लक्ष्यों के साथ तेजी से मेल कर रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना आपदा ने हमें मानवीयता का मूल्य फिर याद दिलाया है. हमें याद रखना है कि इंडस्ट्री 4.0 रोबॉट के लिए नहीं बल्कि इंसान के लिए है. हमें सुनिश्चित करना होगा कि तकनीक हर किसी का सहयोग करे, न कि कोई जाल बने.
कार्यक्रम में पूरी दुनिया से उद्योग जगत के 400 से अधिक शीर्ष प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी चौथी औद्योगिक क्रांति-मानवता की भलाई के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग विषय पर सत्र पर अपने विचार रखे. विश्व आर्थिक मंच के ऑनलाइन दावोस एजेंडा शिखर सम्मेलन की शुरुआत रविवार रात को हुई है. डब्ल्यूईएफ का नियमित वार्षिक सम्मेलन इस साल मई में स्विट्जरलैंड के दावोस के बजाय सिंगापुर में होगा.