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भारतीय नौसेना ने अपने बेस और यूनिट के दायरे में ड्रोन के इस्तेमाल पर लगाया प्रतिबंध

उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई

नई दिल्ली/दि.9 – भारतीय नौसेना ने अपने नेवल बेस, नौसैन्य यूनिट्स और नौसेना की संपत्तियों के 3 किलोमीटर के दायरे में ड्रोन और मानवरहित हवाई विमानों जैसी गैर-पारंपरिक हवाई वस्तुओं को उड़ाने पर प्रतिबंध लगा दिया. नौसेना का यह फैसला पिछले महीने जम्मू एयरपोर्ट पर एयरफोर्स बेस पर हुए ड्रोन हमले के बाद लिया गया है, जिसमें वायुसेना के दो जवान घायल भी हुए थे.
शुक्रवार को एक रक्षा बयान में कहा गया, “कोई भी गैर-परंपरागत हवाई सामानों, जिसमें RPAs (रिमोट संचालित उड़ान प्रणाली) भी शामिल हैं, पर लगे इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर उन्हें नष्ट या जब्त कर लिया गया जाएगा. साथ ही इसे संचालित करने वाले के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 121, 121 ए, 287, 336, 337, और 338 के तहत कार्रवाई की जा सकती है.”
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सरकारी अधिकारियों ने कहा कि आतंकी हमलों को अंजाम देने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करना देश के लिए एक नए सुरक्षा खतरे की शुरुआत है. जम्मू एयरबेस पर ड्रोन के जरिए संदिग्ध रूप से आईईडी का इस्तेमाल किया गया था.
जम्मू एयरबेस ब्लास्ट के बाद जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में ड्रोन एक्टिविटी देखी गई थी. 26 जून को एयरफोर्स बेस पर हुए हमले के बाद 27 जून को कालूचक मिलिट्री स्टेशन के पास ड्रोन देखा गया. 28 जून को सुजवां मिलिट्री स्टेशन के पास और 29 जून को फिर से कालूचक, कुंजवानी और रत्नूचक में ड्रोन दिखे थे. इसके बाद 2 जुलाई की सुबह भारत-पाकिस्तान इंटरनेशनल बॉर्डर पर अरनिया सेक्टर में एक ड्रोन देखा गया था.

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