देश दुनिया

कभी नहीं होगा भारतीय रेलवे का निजीकरण

यह देश और यहां के लोगों की संपत्ति है - पीयूष गोयल

कोलकाता/दि. ३० –  रेल मंत्री और भाजपा नेता पीयूष गोयल ने मंगलवार को यह भरोसा दिलाया कि भारतीय रेलवे का निजीकरण कभी नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने रेलवे दुर्घटना में आई कमी को लेकर ट्रैक मैन, मेंटेनेंस और सिग्नलिंग के काम में शामिल लोगों की सराहना की. पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि भारतीय रेलवे राष्ट्र और यहां के लोगों की संपत्ति है. कोई भी इसे छू नहीं सकता और इसका निजीकरण कभी नहीं होगा. विपक्ष के दुष्प्रचार में ना फंसे. यह आपकी संपत्ति है और आपकी ही रहेगी.
रेल दुर्घटना में कमी को लेकर रेल मंत्री ने रेलवे स्टाफ की तारीफ की और कहा, हमारे ट्रैक मैन, मेंटेनेंस और सिग्नलिंग के लोग, इन सभी के प्रयासों से पिछले 2 सालों में भारतीय रेल में एक भी यात्री की मृत्यु रेलवे दुर्घटना से नहीं हुई है. केंद्रीय मंत्री ने कोरोना महामारी के दौरान रेल द्वारा की गई माल ढुलाई का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, आप सब इस बात पर गर्व कर सकते हैं कि कोविड के बावजूद 2020-21 में हमने इतिहास रचा. रेलवे के 168 साल के अपने इतिहास में माल गाड़ी ने सबसे ज्यादा माल अगर ढोया है, तो इस कोविड के साल में ढोया है.
गौरतलब है कि रेलवे माल ढुलाई से होने वाली आय में 22 मार्च तक पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 1,868 करोड़ रुपये (करीब दो प्रतिशत) की वृद्धि करने में सफल रहा है. हालांकि यह सिर्फ दो प्रतिशत की वृद्धि है, लेकिन इससे कोरोना वायरस के कारण लागू लॉकडाउन की समस्या से उबरने में काफी सहायता मिली है.
रेलवे के यात्री मद से होने वाली आय की जहां तक बात है तो पिछले वित्तवर्ष (20019-20) में यह 53,525.57 करोड़ रुपये रही, जो चालू वित्तवर्ष (2020-21) में घटकर 15,507.68 करोड़ रह गई. यह पिछले साल के मुकाबले 71.03 प्रतिशत कम है. आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2020 से फरवरी 2021 में यात्री भाड़े से 12,409.49 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह राशि 48,809.40 करोड़ रुपये थी.
यात्री की आवाजाही के बावजूद रेलवे ने प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने की शुरुआत की. एक मई से 30 अगस्त के बीच रेलवे ने 4000 श्रमिक विशेष ट्रेनों का परिचालन किया और 23 राज्यों से करीब 63.15 लाख श्रमिकों को उनके गंतव्यों तक पहुंचाया.

Back to top button