नई दिल्ली/दि.५ – प्लेटफॉर्म टिकट (Platform Tickets) के दाम बढ़ाने को लेकर भारतीय रेलवे ने शुक्रवार को सफाई दी है. हालांकि, वहीं रेलवे ने प्लेटफॉर्म टिकट के दामों को रोलबैक करने के भी संकेत दिए हैं. रेलवे ने कहा है कि प्लेटफॉर्म टिकट की कीमत में हालिया बढ़ोतरी (कुछ स्टेशनों में 50 रुपए तक) कोरोना वायरस महामारी के दौरान भीड़ को रोकने के लिए अस्थायी उपाय है और इसका उद्देश्य भीड़ को रोकना है.
भारतीय रेलवे के प्रवक्ता डी.जे. नारायण ने कहा कि कुछ खबरें चल रही हैं कि रेलवे ने प्लेटफार्म टिकट के दाम हर जगह बढ़ा दिए हैं, यह खबर सही नहीं है. कुछ जगह प्लेटफार्म टिकट के दाम बढ़ाए गए हैं. यह कुछ दिनों के लिए है, ऐसा त्योहारों के समय भीड़ पर काबू करने के लिए किया जाता है.
कोरोना के चलते लंबे वक्त से बंद पड़ी प्लेटफार्म टिकट की बिक्री की इजाजत देने के साथ ही प्लेटफॉर्म टिकट की कीमतों में भी इजाफा कर दिया है. रेलवे की ओर से जारी नए नोटिफिकेशन के मुताबिक प्लेटफॉर्म टिकट का दाम 10 रुपए से बढ़ाकर 30 रुपए कर दिया गया है. इसके अलावा रेलवे ने लोकल किरायों में भी बढ़ोतरी कर दी है. इसे भी 10 रुपये से बढ़ाकर 30 रुपये कर दिया गया है.
दिल्ली में प्लेटफॉर्म टिकट महंगा करने के पीछे रेलवे का तर्क है कि कोरोना महामारी के बीच स्टेशनों पर ज्यादा भीड़ इकट्ठा न हो इसलिए ये फैसला लिया गया है. राजधानी दिल्ली में प्लेटफॉर्म टिकट के नए रेट 5 मार्च (शुक्रवार) से लागू हो गए हैं. बता दें कि दिल्ली के अलावा मुंबई में भी प्लेटफॉर्म के दाम बढ़ चुके हैं. सेंट्रल रेलवे ने मुंबई मेट्रोपोलिटन रिजन के प्रमुख स्टेशनों के प्लेटफॉर्म टिकटों के दाम 5 गुना तक बढ़ा दिए हैं. मुंबई में प्लेटफॉर्म टिकट के नए रेट 1 मार्च से लागू हो चुके हैं और 15 जून तक रहेंगे.
रेलवे ने बढ़ी हुई कीमतों पर सफाई देते हुए कहा कि स्टेशनों पर भीड़ का नियमन और नियंत्रण डीआरएम की जिम्मेदारी है. रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुरक्षा के लिए और स्टेशनों पर भीड़ को रोकने के लिए यह फैसला लिया गया है. यह एक छोटे अंतराल के लिए है. रेलवे के मुताबिक जमीनी स्थिति का आकलन करने के बाद समय-समय पर प्लेटफॉर्म टिकट शुल्क में वृद्धि की जाती है और इसकी जिम्मेदारी डीआरएम को सौंप दी गई है. इसमें कुछ भी नया नहीं है, बल्कि ऐसे फैसले हमेशा से समय-समय पर स्थिति को देखते हुए लिए जाते रहे हैं.