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अदृश्य करेंसी ने लोगों के डुबा दिए 4.5 लाख करोड़

हफ्तेभर के भीतर क्रिप्टोकरेंसी ने मचाई तबाही

नई दिल्ली/दि. 19 –  डिजिटल करेंसी में निवेश करने वालों के लिए बहुत बुरी खरब सामने आई है. बीते एक सप्ताह में ही 4.5 लाख करोड़ रुपए डूब गए हैं. अभी हाल ही में एलन मस्क ने बिटकॉइन द्वारा ऊर्जा की खपत के कारण पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर आलोचना की थी. माना जा रहा है कि तमाम अन्य कारणों के साथ ही क्रिप्टो करेंसी में गिरावट दर्ज होने का एक वजह यह भी है. बिटक्वॉइन सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी है. बुधवार को इसकी कीमत टूटकर 40 हजार डॉलर पर आ गई. अप्रैल में बिटकॉइन की कीमत से यह 25 हजार डॉलर कम है. अप्रैल में क्रिप्टो करेंसी की वैल्यू पहली बार 2 ट्रिलियन डॉलर के पार चली गई थी. अच्छे रिटर्न की उम्मीद में निवेशकों ने बीते दो महीने में डिजिटल करेंसी में खूब पैसे लगाए. लेकिन अचानक कीमतों में आई गिरावट से 600 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है.

  • आने वाले समय में फिर आ सकती है तेजी

न्यूयॉर्क में ब्लूमबर्ग इंटेलिजेंस के कमोडिटी स्ट्रेटेजिस्ट माइक मैकग्लोन के अनुसार, बिटकॉइन ने बीते 200 दिन में मूविंग एवरेज को टेस्ट कर लिया है और 120 दिन का एवरेज डिस्काउंट पिछले साल के बाद सबसे बड़ा है. माइक को उम्मीद है कि बिटकॉइन की कीमत 2021 में औसतन 49 हजार यूएस डॉलर के आसपा रहेगी. इसका मतलब हुआ है कि आने वाले समय में एक बार फिर तेजी देखने को मिल सकती है क्योंकि अभी साल का पांचवा महीना चल रहा है और 7 महीने बाकी हैं.

  • सभी डिजिटल करेंसी की गिरी है कीमत

सबसे बड़ी डिजिटल करेंसी बिटकॉइन है. इसके अलावा भी जितनी डिजिल करेंसी हैं, 2021 में टॉप पर पहुंचने के बाद सबकी कीमतों में गिरावट दर्ज हुई है. अलग-अलग करेंसियों की बात करें तो सोलाना में 29 प्रतिशत, पोल्काडॉट में 32 प्रतिशत, स्टेलर में 38 प्रतिशत, कारडानो में 39 प्रतिशत, एक्सआरपी में 40 प्रतिशत, चेनलिंक में 40 प्रतिशत, इथेरियम में 42 प्रतिशत, लाइट कॉइन में 33 प्रतिशत, बिटकॉइन में 44 प्रतिशत, बाइनेंस में 46 प्रतिशत, बिटकॉइन कैश में 50 और डॉगकॉइन में 53 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है.

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