कमजोर और गरीब लोगों को राशन कार्ड जारी कर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में शामिल करें
केंद्र की सभी राज्य सरकारों को सलाह
नई दिल्ली/दि. 3 – केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक परामर्श जारी कर कहा है कि वो समाज के सबसे कमजोर और आर्थिक रूप से वंचित वर्गों को प्राथमिकता के आधार पर राशन कार्ड जारी कर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत उन्हें शामिल करें. केंद्र का ये निर्देश ऐसी खबरों के बीच आया है कि सबसे ज्यादा गरीब तबके को खाद्यान्न की सख्त जरूरत है, लेकिन वो राशन कार्ड हासिल नहीं कर पा रहे हैं. खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने एक वर्चुअल संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों से कहा कि एनएफएसए के तहत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 1.97 करोड़ लोगों को जोड़ने की गुंजाइश है. इसके तहत कुल 14 राज्यों ने अपना 100 प्रतिशत कोटा पूरा कर लिया है. कोविड-19 महामारी के मद्देनजर खाद्य मंत्रालय ने कहा कि एनएफएसए के तहत चिन्हित आर्थिक रूप से सबसे कमजोर वर्गों को इसके दायरे में शामिल करना महत्वपूर्ण है. खाद्य मंत्रालय ने इस संबंध में बुधवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को शहरी और ग्रामीण इलाकों में जनसंख्या के बीच वंचित तबकों और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की पहचान कर उन्हें एनएफएसए के तहत राशन कार्ड जारी करने का परामर्श दिया है. साथ ही मंत्रालय ने कहा है कि राज्य यह काम एनएफएसए के तहत उनको उपलब्ध दायरे के भीतर कर सकते हैं. एनएफएसए के तहत सरकार कार्डधारी प्रत्येक व्यक्ति को हर महीने पांच किलो गेहूं और चावल दो से तीन रुपए की बहुत कम कीमत पर उपलब्ध कराती है. साल 2013 में पारित इस कानून के तहत करीब 80 करोड़ लोग आते हैं.