* 15 हजार करोड रुपयों की जरूरत
नई दिल्ली/दि.30– देश में एक ही समय लोकसभा और विधानसभा चुनाव लेने के लिए चुनाव आयोग को कम से कम डेढ साल का समय लगनेवाला है. इसके लिए आवश्यक संसाधन के लिए 15 हजार करोड रुपए से अधिक आर्थिक प्रावधान लगेगा. लोकसभा और विधानसभा के साथ ही नगरपालिका और पंचायत चुनाव लेने संबंध में भी चर्चा चल रही है. एक राष्ट्र, एक चुनाव इस संकल्पना पर मंथन के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में स्थापित की गई उच्चस्तरीय समिति व सामाजिक संगठन द्वारा इस पर प्रतिक्रिया ली जा रही है. कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत 17 दलों ने इसे विरोध किया है.
केंद्र सरकार ने एकही समय चुनाव लेने के लिए लगने वाले संसाधन संबंध में चुनराव आयोग द्वारा इस माह के शुरुआत में विस्तृत रिपोर्ट मंगाई थी. फिलहाल आयोग संसाधन का जायजा ले रहा है. लोकसभा और विधानसभा एकही समय लिए जाने की संभावना है, किंतु तैयारी के लिए आयोग को कम से कम डेढ साल की अवधि लगेगी.
* इन संसाधनों की जरूरत
कम से कम 30 लाख ईवीएम, 43 लाख बैलेट संच और 32 लाख वीवीपैट मशीन लगेगी. यह मशीन बनाने वाली ईसीआयएल और बीईएल इन कंपनियों को अतिरिक्त ऑर्डर देना पडेगा. देश के करीब 12.50 लाख मतदान केंद्रों के लिए 15 लाख से अधिक वीवीपैट लगेंगे. चुनाव आयोग को वर्तमान में 35 लाख यूनिट की किल्लत महसूस हो रही है.
* 15 हजार करोड से अधिक खर्च की संभावना
लोकसभा और विधानसभा एक ही समय लेने पर मतदान केंद्रों पर दो ईवीएम मशीनें रखनी होंगी. तथा अतिरिक्त संसाधन भी तैयार रखने होंगे. जिस पर 15 हजार करोड से अधिक खर्च होने की संभावना है.
कृति प्रारूप तैयार
मोदी सरकार ने विधि आयोग को एकही समय चुनाव लेने का प्रस्ताव भेजा था. विधि आयोग ने चुनाव आयोग के सहयोग से योजना का कृति प्रारूप तैयार किया है. पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय समिति मेें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, कानूनमंत्री अर्जुनराम मेघवाल का समिति में समावेश है.