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गलवान संघर्ष के दौरान बहादुरी के लिए आईटीबीपी के 20 कर्मी पीएमजी से सम्मानित

 नई दिल्ली/दि. 14  – पिछले साल पूर्वी लद्दाख में चीनी आक्रमण को टालने वाले 20 जवानों सहित भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के 23 जवानों को 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर वीरता के लिए पुलिस पदक (PMG) से सम्मानित किया गया है.
भारतीय सेना के साथ तैनात 20 जवानों ने अपनी वीरतापूर्ण कार्रवाइयों से पिछले साल मई जून में गलवान घाटी हॉट स्प्रिंग्स में चीनी आक्रमण को टाल दिया था. फोर्स ने कहा कि आईटीबीपी के लिए यह वीरता पदकों की सबसे बड़ी संख्या है, जो सीमा पर आमने-सामने या सीमा की रक्षा करते हुए झड़पों में जवानों की बहादुरी के लिए दिया जाता है.

23 में से आठ कर्मियों को पिछले साल 15 जून को गलवान में वीरतापूर्ण कार्य, सावधानीपूर्वक योजना सामरिक मातृभूमि की रक्षा के लिए सम्मानित किया गया है, जबकि छह कर्मियों को 18 मई को फिंगर 4 क्षेत्र में हिंसक झड़प के दौरान वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए पीएमजी से सम्मानित किया गया है. इसी तरह, आईटीबीपी के छह जवानों को 18 मई, 2020 को लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स के पास उनकी वीरतापूर्ण कार्रवाई के लिए पीएमजी से सम्मानित किया गया है.
पूर्वी लद्दाख में, आईटीबीपी के जवानों ने न केवल खुद को बचाने के लिए ढालों का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया, बल्कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों को भी जमकर जवाब दिया.
इनके अलावा, छत्तीसगढ़ में नक्सल विरोधी अभियानों में साहस, धैर्य ²ढ़ संकल्प दिखाने के लिए तीन व्यक्तियों को सम्मानित किया गया है. आईटीबीपी, पेशेवर कौशल के उच्चतम क्रम के साथ, आईटीबीपी जवानों ने कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी घायल सैनिकों को भी पीछे की ओर ले गए. आईटीबीपी के एक अधिकारी ने कहा, कई जगहों पर उन्होंने बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में मध्यरात्रि में लगभग 17 से 20 घंटे तक ढृढ़ गतिरोध पेश किया.

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