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जिप शिक्षकों को मुख्यालय पर रहने की सक्ति के खिलाफ न्यायालय में याचिका

उच्च न्यायालय ने दी संबंधित अधिकारियों को नोटीस

औरंगाबाद – दि.26जिप शिक्षक व कर्मचारियों को मुख्यालय पर रहना अनिवार्य होगा. ऐसा निर्णय शासन द्बारा लिया गया. जिसमें इस निर्णय के खिलाफ बंबई उच्च न्यायालय की औरंगाबाद खंडपीठ में महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति उस्मानाबाद शाखा के जिलाध्यक्ष विलास कुंटेकुरे ने एड सईद एस शेख के मार्फत याचिका दाखल की है. जिसमें न्यायमूर्ति रवींद्र व्ही. घुगे व न्यायमूर्ति संजय ए. देशमुख ने राज्य के वित्त विभाग तथा ग्राम विकास विभाग के सचिव व संबंधित विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी, जिप सीईओ, शिक्षण अधिकारी (प्राथमिक) को नोटीस जारी कर जवाब दाखिल करने के आदेश दिये.
याचिकाकर्ता द्बारा याचिका में कहा गया कि, इसके पूर्व शासन के निर्णय द्बारा जिप के सभी कर्मचारियों को घर का किराया भत्ता व काम के लिए मुख्यालय रहने की शर्त शिथिल की गई थी. किंतु 7 अक्तूबर 2016 को तथा 9 सितंबर 2019 को ग्राम विकास विभाग महाराष्ट्र शासन निर्णयानुसार जिप शिक्षक व कर्मचारियों को कार्यस्थल पर रहना अनिवार्य कर दिया गया. जिसकी वजह से संबंधित शिक्षक व कर्मचारियों के परिवार पर अन्याय हुआ है. ऐसा याचिका में याचिकाकर्ताओं ने कहा.

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