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भारतीय नौसेना में शामिल हुई P-75 की पांचवी पनडुब्बी वागिर

नई दिल्ली/दि.१२ – पाकिस्तान और चीन को सबक सिखाने के लिए भारतीय नेवी लगातार अपनी ताकत समंदर में बढ़ा रही है. प्रोजेक्ट 75 के तहत गुरुवार को मुंबई के मझगांव डॉक में पांचवी पनडुब्बी लॉन्च हुई. इस पनडुब्बी का नाम वागिर रखा गया है. इससे पहले पी-75 की दो पनडुब्बियां भारतीय नौसेना में शामिल हो चुकी हैं. INS कलावरी (INS Kalavari) और INS खंडेरी (INS Khanderi) यह दोनों समंदर में देश कि रक्षा कर रही हैं. पी-75 प्रोजेक्ट में मुंबई कि मझगांव डॉक लिमिटेड 6 पनडुब्बी तैयार कर रहा है. पनडुब्बी आगरी भी एक कलावरी क्लास की पनडुब्बी है और जो खुबी INS कलावरी और INS खंडेरी में है वही सारी खुबी पनडुब्बी वागिर में होगी.
2015 से पी-75 प्रोजेक्ट के तहत 6 पनडुब्बियों को बनाने की जिम्मेदारी मुंबई के मझगांव डॉक लिमिटेड को दी गई थी, जिसमें 2017 में पहली पनडुब्बी INS कलावरी भारतीय नौसेना में शामिल हुई और उसके बाद INS खंडेरी भी भारतीय नौसेना में शामिल हुई. पनडुब्बी करंज भी जल्द ही भारतीय नौसेना में शामिल होने वाली है.
मझगांव डॉक लिमिटेड के सीएमडी श्रीपद नाईक ने कहा कि पी-75 प्रोजेक्ट के तहत आज हमने पांचवी पनडुब्बी लॉन्च की है. चौथी पनडुब्बी करंज जल्द ही भारतीय नौसेना में शामिल होगी. 6वीं और आखिरी पनडुब्बी भी हम जल्द से जल्द लॉन्च कर भारतीय नौसेना को देगें, जिसके बाद पी-75 प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा.
67 मीटर लंबी और 12 मीटर चौड़ी इस पनडुब्बी में चार डीजल इंजन लगे हैं और अगर इंजन फैल भी होते तो 360 बैट्री सैल लगे हैं, जिससे आपातकालीन समय में लोगों को बचाया जा सके. समंदर के ऊपर यह पनडुब्बी 20 किलोमीटर प्रति घंटे कि रफ्तार से चल सकती है और पानी के अंदर इसकी स्पीड लगभग दोगुनी यानी 37 किलोमीटर प्रती घंटा होगी.
एक बार में यह पनडुब्बी 50 दिनों तक समंदर के पानी के अंदर रह सकती है. समंदर के पानी पर यह पनडुब्बी एक बार में 12 हजार किलोमीटर का सफर तय कर सकती है और पानी के अंदर 1037 किलोमीटर. इस पनडुब्बी में लगभग 45 नौसेना के जवान और अधिकारी रह सकते हैं, जिसमें 8 अधिकारियों के रहने के लिए कैबिन जैसी सुविधा दी गई हैं. यह पनडुब्बी समंदर के पानी में लगभग 350 मीटर यानी एक हजार से ज्यादा फीट कि गहराई में जा सकती है.
इस पनडुब्बी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमे एंटी रडार लगा है, जिससे यह पनडुब्बी दुश्मनों के रडार पर आसानी से नहीं आ सकती है. साथ ही साथ इस पनडुब्बी के पास अगर कोई भी दुश्मन का जहाज या दुश्मन कि पनडुब्बी आई तो इसकी जानकारी तुरंत मिलेगी. यह पनडुब्बी अत्याधुनिक हथियारों के साथ मिसाइलें लोड हैं, जिसमें टोरपिडोस के साथ एंटी मिसाइले और लैंड माईन रखने की भी क्षमता है. यह पनडुब्बी लगभग पूरी तरह से भारत में तैयार हुई है. सिर्फ इंजन और कुछ मशीनें विदशों से लाई गईं हैं. खास बात है कि परंपरा के मुताबिक जिस दिन पनडुब्बी को लॉन्च किया जाता है, उसी दिन उसे एक नाम दिया जाता है.

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