मेलबर्न/दि.९ – फेसबुक और गूगल से एक ओर जहां आम लोगों और सोशल मीडिया को फायदा हुआ है, लेकिन वहीं दूसरी ओर इससे जर्नलिज्म को बहुत ज्यादा नुकसान भी हुआ है. इस नुकसान की भरपाई के लिए ऑस्ट्रेलियाई सरकार त्रशशद्दद्यद्ग और स्नड्डष्द्गड्ढशशद्म पर बहु-मिलियन डॉलर का जुर्माने लगाने की तैयारी में जुट गयी है. बुधवार को ऑस्ट्रेलियाई संसद में पेश प्रस्तावित कानून का पालन करने में विफल रहे तो इन मीडिया दिग्गजों को इनकी पत्रकारिता के चलते बहुत भारी जुर्माना देना पड़ेगा. इस कानून के मसौदे के मुताबिक बड़ी तकनीकी कंपनियों को सार्वजनिक प्रसारकों समेत ऑस्ट्रेलिया में प्रमुख मीडिया कंपनियों के साथ बातचीत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. कंपनियां अपनी खबरों को किस कीमत पर उपयोग की इजाजत देती है इस पर सौदा होगा. अगर मीडिया कंपनी और तकनीकी कंपनी किसी तय कीमत पर करार नहीं कर पाती है तो एक बाध्यकारी निर्णय लेने के लिए एक स्वतंत्र मध्यस्थ नियुक्त किया जाएगा. डिजिटल कंपनियां अगर फैसले का पालन नहीं करती हैं उन पर 74 लॉख अमेरिकी डॉलर तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. सरकार ने शुरू में राज्य द्वारा वित्त पोषित मीडिया, ऑस्ट्रेलियाई समाचार कॉर्प और विशेष प्रसारण सेवा को टेक कंपनियों द्वारा मुआवजा दिए जाने से बाहर करने की योजना बनाई थी लेकिन नए मसौदा कानून के तहत, उन प्रसारकों को वाणिज्यिक मीडिया व्यवसायों की तरह भुगतान किया जाएगा. मसौदा कानून शुरू में फेसबुक न्यूजफीड और गूगल सर्च पर लागू होगा लेकिन अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म को भी शामिल करने के लिए इसका विस्तार किया जाएगा. फ्राइडेनबर्ग के मुताबिक ऑनलाइन विज्ञापन का 53 प्रतिशत हिस्सा गूगल ले रहा है जबकि फेसबुक 23 प्रतिशत हिस्सा पा रहा है. उन्होंने कहा, यह दुनिया में पहली बार होगा और दुनिया देख रही है कि यहां ऑस्ट्रेलिया में क्या हो रहा है. यह एक समग्र कानून है जो दुनिया में इस तरह के किसी भी कानून की अपेक्षा में आगे जाकर बात करता है.