नई दिल्ली/दि.३– जेईई-नीट (JEE_NEET) परीक्षाएं के आयोजन के खिलाफ दायर पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कल अपना फैसला सुनाएगा. शुक्रवार को कोर्ट तय करेगा कि पुनर्विचार याचिका को तीन जज अपने चेंबर में सुनकर खारिज कर दें या फिर इस पर खुली अदालत में सुनवाई कर फैसला लिया जाए.
इससे पहले 17 अगस्त को भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने परीक्षाओं के आयोजन के खिलाफ दायर छात्रों की याचिकाओं को खारिज करते हुए परीक्षाओं के आयोजन को हरी झंडी दिखाई थी. लेकिन फैसले के तुरंत बाद ही गैर-बीजेपी शासित 6 राज्यों के मंत्रियों ने कोर्ट में सुयंक्त पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी.
याचिका दाखिल करने वालो में पश्चिम बंगाल के मंत्री मोलॉय घटक, झारखंड के रामेश्वर उरांव, छत्तीसगढ़ के अमरजीत भगत, पंजाब के बलबीर सिद्धू, महाराष्ट्र के उदय सामंत और राजस्थान के रघु शर्मा हैं.
-
कोरोना के कारण परीक्षाओं का हो रहा था विरोध
इससे पहले सायंतन बिस्वास समेत 11 छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने 1 से 6 सितंबर के बीच (Main) और 13 सितंबर को हृश्वश्वञ्ज की परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की है. देश में जिस रफ्तार से इस समय कोरोना फैल रहा है, उसके मद्देनजर अभी परीक्षा का आयोजन छात्रों और उनके परिवार को स्वास्थ्य को गंभीर खतरा पैदा कर सकता है. इसलिए, स्थिति सामान्य होने तक परीक्षा स्थगित कर दी जाए.
17 अगस्त को जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली 3 जजों की बेंच ने राष्ट्रीय स्तर पर मेडिकल और इंजीनियरिंग में दाखिले के लिए होने वाली इन परीक्षाओं को स्थगित करने का आदेश देने से इनकार कर दिया. बता दें कि छ्वश्वश्व की परीक्षा एक सितंबर से शुरू हो चुकी है.