5G के खिलाफ दायर जूही चावला की याचिका पर 2 जून को होगी सुनवाई
नई दिल्ली/दि. 31– बॉलीवुड ऐक्ट्रेस जूही चावला (Juhi Chawla) ने देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) का रुख किया और नागरिकों, जानवरों, वनस्पतियों और जीवों पर विकिरण के प्रभाव से संबंधित मुद्दों को उठाया. मामला सुनवाई के लिये न्यायमूर्ति सी हरिशंकर के पास आया, जिन्होंने मामले को 2 जून को सुनवाई के लिए इसे दूसरी पीठ के समक्ष स्थानांतरित कर दिया. जूही चावला ने कहा कि यदि दूरसंचार उद्योग की योजनाएं पूरी होती हैं तो पृथ्वी पर कोई भी व्यक्ति, कोई जानवर, कोई पक्षी, कोई कीट और कोई भी पौधा इसके प्रभाव से नहीं बच सकेगा.
क्यों 5G टेक्नोलॉजी के खिलाफ हैं जूही चावला
उन्होंने कहा कि इन 5जी योजनाओं से मनुष्यों पर गंभीर, अपरिवर्तनीय प्रभाव और पृथ्वी के सभी पारिस्थितिक तंत्रों को स्थायी नुकसान पहुंचने का खतरा है. एडवोकेट दीपक खोसला के माध्यम से दायर याचिका में अधिकारियों को यह स्पष्ट करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि 5जी प्रौद्योगिकी मानव जाति, पुरुष, महिला, वयस्क, बच्चे, शिशु, जानवरों और हर प्रकार के जीवों, वनस्पतियों के लिए सुरक्षित है.
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5G को लेकर क्या है बाकियों की राय
बता दें पिछले कुछ दिनों से 5G टेक्नोलॉजी को लेकर कई तरह की बातें कही जा रही हैं. कई वायरल मैसेजेस में इसे कोरोना वायरस के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है. निजी क्षेत्र के मोबाइल टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के प्लेटफॉर्म COAI ने 5जी टेक्नोलॉजी को कोविड-19 महामारी के प्रसार की वजह बताने वाले सोशल मीडिया के फर्जी और भ्रामक संदेशों को हटवाने की मांग को लेकर सूचना और टेक्नोलॉजी मंत्रालय को लिखा है. सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसियेशन ऑफ इंडिया (COAI) ने कहा कि 5जी को कोरोना विषाणु से जोड़ने के दावे बेबुनियाद हैं क्योंकि देश में अभी 5जी टेलीकॉम नेटवर्क स्थापित ही नहीं किए गए हैं. यही नहीं, टेलीकॉम ऑपरेटरों ने अभी 5जी नेटवर्क के परीक्षण भी शुरू नहीं किए हैं. COAI के सदस्यों में रिलाइंस जियो, भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियां शामिल हैं. PIB ने भी 5जी से जुड़े इस तरह के दावों को खारिज किया है.