नई दिल्ली/दि.३०- संसद में बजट सत्र को लेकर हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान पीएम मोदी ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया. सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी ने सभी पार्टी के नेताओं से कहा कि किसान और सरकार के बीच बातचीत का रास्ता हमेशा खुला है. उन्होंने कहा कि मैं नरेंद्र तोमर की बात दोहारना चाहूंगा. भले ही सरकार और किसान आम सहमति पर नहीं पहुंचे हैं लेकिन हम किसानों के सामनेे विकल्प रख रहे हैं. वो इस पर चर्चा करें. किसानों और मेरे बीच बस एक कॉल की दूरी है. सर्वदलीय बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है और इस चर्चा में सभी विषयों पर चर्चा होगी और सभी पार्टियों को बोलने का मौका मिलेगा.पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के द्वारा किसानों को दिया गया ऑफर अभी भी है. किसानों से सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है. ऑल पार्टी मीटिंग को लेकर संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने जानकारी देते हुए कहा कि, आज सर्वदलीय बैठक में 18 पार्टियों ने हिस्सा लिया और किसानों और कृषि कानून को लेकर चर्चा की गई. इस दौरान छोटी पार्टियों को भी अधिक समय देने पर सहमति बनी है लेकिन बड़ी पार्टियों को चर्चा में व्यवधान नहीं करने की अपील की गई है.
इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी, संसदीय कार्यराज्य मंत्री अर्जुन मेघवाल और वी मुरलीधरन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल हैं. इस मीटिंग में बजट सत्र सुचारु रूप से चले और राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में सभी विपक्षी दल शामिल होने के मुद्दे पर भी चर्चा की गई.
सरकार की तरफ से सभी विपक्षी दलों को आश्वस्त किया गया है कि सरकार कृषि सम्बंधित कानूनों समेत सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है. इससे पहले बजट सत्र के पहले दिन 20 विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया था, इसलिए सरकार की कोशिश हैं कि बजट सत्र में हंगामा ना हो.
राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के प्रमुख हनुमान बेनीवाल ने एलान किया है कि वह सर्वदलीय बैठक में हिस्सा नहीं लेंगे. उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन के प्रति समर्थन जताने के लिए उन्होंने यह फैसला लिया.
लोजपा प्रमुख चिराग पासवान इस बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे. बताया जा रहा है कि चिराग की तबियत खऱाब है. उन्हें तेज बुख़ार है. उन्होंने कोरोना टेस्ट के लिए सैम्पल भी दिया है. ऑल पार्टी मीटिंग के अलावा वह NDA की बैठक में भी शामिल नहीं हो सकेंगे.
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राष्ट्रपति के अभिभाषण का विपक्षी दलों ने किया था बहिष्कार
गौरतलब है कि शुक्रवार को संसद के बजट सत्र की शुरुआत से पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण से पहले विपक्ष के नेताओं ने जमकर हंगामा किया था. कांग्रेस पार्टी के सांसदों ने कृषि कानूनों की वापसी को लेकर संसद परिसर के भीतर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर धरना प्रदर्शन किया था. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पार्टी सांसदों का नेतृत्व किया था.
इससे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार को लेकर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा था, ‘राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार उनका अपमान करना नहीं है. हम किसानों के साथ खड़े हैं और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने की यह सबसे बड़ी वजह है. हम अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस में हिस्सा लेंगे.Ó
बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बजट सत्र के हंगामेदार रहने के आसार साफ नजर आ रहे हैं. किसान आंदोलन, भारत-चीन मुद्दे, देश की गिरती अर्थव्यवस्था और वॉट्सऐप चैट्स लीक मामले को लेकर विपक्षी दल सदन में मोदी सरकार को घेरने की तैयारी में हैं.