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बुलडोजर पर रोक लगाने वाले न्या. भूषण गवई होगे सीजेआई

सरन्यायाधीश संजीव खन्ना 13 मई को होंगे सेवानिवृत्त

* 14 को न्यायमूर्ति भूषण गवई को शपथ
नई दिल्ली /दि.17 – सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई अगले प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) होंगे. सीजेआई संजीव खन्ना ने बुधवार को उनके नाम की सिफारिश केंद्रीय विधि मंत्रालय को भेजी. जस्टिस गवई, सीजेआई के बाद वरिष्ठतम जज हैं. सरकार के अनुमोदन के बाद वे 14 मई को 52वें सीजेआई का कार्यभार संभालेंगे. मौजूदा सीजेआई खन्ना 13 मई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. जस्टिस गवई का कार्यकाल छह माह से कुछ अधिक का होगा. वे 23 नवंबर 2025 को रिटायर होंगे. सुप्रीम कोर्ट में जजों की सेवानिवृत्ति उम्र 65 वर्ष है. उनके बाद सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम जज जस्टिस सूर्यकांत हैं, जो संभवतः अगले सीजेआई हौं. जस्टिस गवई अनुच्छेद 370 और नोटबंदी को वैध ठहराने और इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक ठहराने वाली बेंच में शामिल रहे हैं. उनकी पीठ ने हाल ही में बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाते हुए दिशा-निर्देश जारी किए थे. जस्टिस गवई देश के दूसरे दलित सीजेआई हो उनसे पहले जस्टिस केजी बालाकृष्णन ने यह पद संभाला था (14 जनवरी 2007 से 12 मई 2010 तक).

* इलेक्टोरल बॉन्ड और नोटबंदी जैसे अहम मामलों की सुनवाई में शामिल
जस्टिस गवई ने अब तक 200 से ज्यादा फैसले सुनाए, जिनमें कई ऐतिहासिक व संविधान-प्रासंगिक हैं.
– नोटबंदी ः जनवरी-23 में आरएस500 व आरएस1000 की नोटबंदी को वैध माना. अनुच्छेद 370: दिसंबर 2023 में जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने को संविधान सम्मत ठहराया.
– चुनावी चंदा ः फरवरी 2024 में इलेक्टोरल बॉन्ड को असंवैधानिक ठहराने वाली 5 जजों की बेंच में थे.
– क्रीमी लेयर ः एससी वर्ग के भीतर उपवर्गीकरण को वैध ठहराने वाली सात सदस्यीय पीठ का हिस्सा रहे.
– सिसोदिया को बेल ः दिल्ली शराब नीति केस में जमानत दी.
– राहुल गांधी की सजा पर रोकः ’मोदी सरनेम’ मानहानि केस में राहुल की सजा पर रोक लगाई.
– ईडी निदेशक ः जुलाई 2023 में ईडी निदेशक संजय मिश्रा का तीसरा कार्यकाल अवैध ठहराया.
– राजीव गांधी के हत्यारों को रिहाई : 2022 में 6 दोषियों को रिहा किया. फैसला इसलिए क्योंकि तमिलनाडु सरकार की सिफारिश पर राज्यपाल ने निर्णय नहीं लिया था.
– फ्रीबीज पर सख्त ः फरवरी 2025 में जस्टिस गवई ने चुनावी फ्रीबीज पर कहा, लोग काम नहीं करना चाहते क्योंकि उन्हें मुफ्त राशन और बिना श्रम के पैसे दिए जा रहे है.

* छह माह का कार्यकाल, नवंबर में रिटायरमेंट
जस्टिस गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को अमरावती (महाराष्ट्र) में हुआ. 16 मार्च 1985 को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में वकालत शुरू की. 1992-93 में अतिरिक्त लोक अभियोजक, जनवरी 2000 को सरकारी वकील व लोक अभियोजक बने. 14 नवंबर 2003 को बॉम्बे हाइकोर्ट में एडिशनल जज और 12 नवंबर 2005 को स्थायी जज नियुक्त किया गया. 24 मई 2019 को सुप्रीम कोर्ट के जज बने.

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