काबुल/दि.16 – अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद देश से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता काबुल एयरपोर्ट ही बचा था. जिसे बंद कर दिया गया है. भारत ने कहा कि काबुल का हामिद करजई एयरपोर्ट बंद होने के कारण वो उड़ानों का संचालन नहीं कर पा रहा है. एयर इंडिया के विमान को दोपहर 12:30 बजे उड़ान भरनी थी लेकिन एयरपोर्ट बंद होने के कारण इसे स्थगित करना पड़ा. भारत भी बाकी देशों की तरह इस देश से अपने नागरिकों और अधिकारियों को वापस ला रहा है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि सरकार अफगानिस्तान छोड़ने की इच्छा रखने वाले अफगान सिख और हिंदुओं के साथ-साथ कुछ भारतीय नागरिकों को निकालने का काम कर रही है, जो अभी भी युद्धग्रस्त देश में फंसे हुए हैं. उन्होंने कहा, ‘बीते कुछ दिनों से काबुल की सुरक्षा स्थिति काफी खराब बनी हुई है. यह बहुत तेजी से बदली है.’ बागची ने ये बात राष्ट्रपति अशरफ गनी के नेतृत्व वाली अफगान सरकार के गिरने के बाद कही. जब रविवार को तालिबान ने काबुल पर कब्जा कर लिया था.
कमर्शियल उड़ानें हुईं निलंबित
अरिंदम बागची ने सोमवार को कहा, ‘काबुल एयरपोर्ट से कमर्शियल उड़ानों के संचालन को निलंबित कर दिया गया है. जिसके चलते लोगों को यहां से निकालने के हमारे प्रयासों पर रोक लग गई है. हम इस प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए उड़ानों के दोबारा शुरू होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.’ अफगानिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने नोटिज जारी करते हुए कहा कि एयरपोर्ट को अगले आदेश तक बंद किया जाता है. काबुल का हवाई क्षेत्र सेना के लिए खुला रहेगा. एक अन्य आदेश में विमानों को री-रूट करने के सलाह दी गई और कहा गया कि काबुल का हवाईक्षेत्र अनियंत्रित रह सकता है.
काबुल एयरपोर्ट अभी अमेरिका के नियंत्रण में है. इसलिए इसे सबसे सुरक्षित भी माना जा रहा है. अमेरिका ने यहां अपने 6000 सैनिकों की तैनाती की है. लेकिन आज अफगान नागरिकों की भारी भीड़ एयरपोर्ट पर देखी गई, लोग विमानों पर भी चढ़ रहे थे. भीड़ को तितर बितर करने के लिए अमेरिकी सैनिकों ने गोलियां चला दीं. जिसके बाद खबर आई कि पांच लोगों की गोलीबारी के बाद मौत हो गई है. लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि लोगों की मौत गोली लगने से हुई या फिर भीड़ में दबने के कारण हुई है.