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कमलनाथ राजनीति से लेंगे संन्यास?

छिंदवाड़ा में पूर्व सीएम ने कहा काफी कुछ हासिल कर लिया अब मुझे आराम चाहिए

भोपाल/दि.१४– मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कांग्रेस की सक्रिय राजनीति से विश्राम लेने के संकेत दिए हैं. उन्होंने अपने गृह क्षेत्र छिंदवाड़ा के सौंसर में आम सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ”मैं अब आराम करना चाहता हूं. मुझे अब किसी पद की महत्वाकांक्षा और लालच नहीं. मैंने काफी कुछ पाया है. मैं घर पर रहने के लिए तैयार हूं. इस बयान के बाद उठे बबाल के बाद कमलनाथ ने आज छिंदवाड़ा में अपने इस बयान को लेकर सफाई भी दी. उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा की जनता जिस दिन चाहेगी. उसी दिन ही मैं संन्यास लूंगा. कमलनाथ के इन बयानों पर सफाई देते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने कहा कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने छिंदवाड़ा दौरे के दौरान जनता के समक्ष यह कहा कि छिंदवाड़ा क्षेत्र की जनता जिस दिन चाहेगी, मैं उस दिन ही संन्यास ले लूंगा. कमलनाथ के इतना कहते ही छिंदवाड़ा क्षेत्र की जनता ने कमलनाथ के पक्ष में जोरदार नारेबाजी कर कहा कि हम आपको एक बार फिर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, हम आपको संन्यास नहीं लेने देंगे. सलूजा ने कहा कि कमलनाथ इसके पूर्व भी कई बार यह स्पष्ट कर चुके हैं कि वे अपने राजनीतिक जीवन में कई उच्च पदों पर रह चुके हैं. केंद्रीय मंत्री के रूप में भी उन्होंने कई विभागों का दायित्व निभाया है, देश की जनता की वर्षों सेवा की है, उन्हें कभी पद व कुर्सी का मोह या लालच नहीं रहा है, वो तो मध्य प्रदेश भी प्रदेश की जनता की सेवा करने के लिये ही आये है. वहीं दूसरी तरफ हमारे प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान है, जिन्हें कुर्सी प्रेमी मुख्यमंत्री कहा जाता है, जिन्हें कुर्सी व पद से सदैव मोह रहता है, बगैर कुर्सी के वो कभी रह ही नहीं सकते है. कमलनाथ के बयान के तमाम मायने दरअसल बीते मार्च माह में ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में हुई बगावत के बाद मध्य प्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ के नेतृत्व वाली सरकार चली गई. इसके बाद बीते नवंबर माह में राज्य की 28 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव में भी कांग्रेस को सिर्फ नौ सीटों पर विजय मिली, जबकि भाजपा ने 19 सीटों पर विजय हासिल की. इसके बाद कांग्रेस के भीतर कमलनाथ के खिलाफ आवाजे उठती रही हैं. कमलनाथ के बयान वाले दिन ही श्योपुर के कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने उपचुनाव में कांग्रेस की पराजय का ठीकरा कमलनाथ पर फोड़ते हुए कहा था कि अगर कमलनाथ ने दिग्विजय सिंह को पीछे नहीं रखा होता तो कांग्रेस चुनाव जीत जाती. उन्होंने कमलनाथ पर यह तोहमत भी लगाई कि उन्होंने प्रत्याशियों के चयन में दिग्विजय सिंह की बात नहीं सुनी. जंडेल के इस बयान को दिग्विजय सिंह समर्थकों का कमलनाथ पर हमला माना गया और वह फट पड़े. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी.डी.शर्मा ने कमलनाथ के इस बयान पर तंज कसते हुए कहा कि कमलनाथ पहले ही सन्यास ले लेते तो मप्र इतना पीछे नहीं जाता.

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