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काशी, मथुरा, आगरा, धार… कहीं मुस्लिम पक्ष को झटका, कहीं हिंदू पक्ष को फटकार

अदालत से आज आए 4 धार्मिक विवादों से जुड़े महत्वपूर्ण फैसले

नई दिल्ली/दि.12– देश में आज चार जगहों पर धार्मिक स्थलों से जुड़े विवाद में सुनवाई हुई. वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे को लेकर कोर्ट के फैसले पर लोगों की नजरें थीं. दूसरी तरफ आगरा के ताजमहल में 22 कमरों को खुलवाने को लेकर भी याचिका पर सुनवाई हुई. मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने निचली अदालत को 4 महीने के भीतर संबंधित याचिकाओं को निपटाने का आदेश दिया. वहीं, मध्यप्रदेश के धार में भोजशाला विवाद को लेकर हाई कोर्ट की इंदौर पीठ ने हिंदू संगठन की याचिका को स्वीकार कर लिया. ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हाई कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को झटका लगा. ताजमहल के 22 बंद दरवाजों को खोलने की मांग पर कोर्ट ने याचिकाकर्ता बीजेपी नेता को जमकर फटकार लगाई. उन्हें ताजमहल के बारे में रिसर्च कर आने को कहा. इस तरह आज कहीं मुस्लिम पक्ष को झटका लगा, तो कहीं हिंदू पक्ष को कोर्ट ने जमकर सुनाया.
* ज्ञानवापी मामले में कोर्ट कमिश्नर नहीं हटाए जाएंगे
ज्ञानवापी मस्जिद और श्रृंगार गौरी मंदिर विवाद मामले में कोर्ट ने स्पष्ट फैसला दिया कि कोर्ट कमिश्नर को नहीं हटाया जाएगा. अदालत ने कहा कि 17 मई के पहले दोबारा सर्वे होगा. कोर्ट कमिश्नर के साथ दो और वकील होंगे. मुस्लिम पक्षकारों ने कोर्ट कमिश्नर को बदलने की मांग की थी, जिसे सिविल जज ने खारिज कर दिया. मस्ज़िद के अंदर सर्वे का मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया था. इस आपत्ति को कोर्ट ने भी खारिज किया. इससे मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है. फैसले से पहले कोर्ट को खाली करा लिया गया था. परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी. वादी पक्ष के एडवोकेट सुधीर त्रिपाठी ने कोर्ट कमिश्नर बदलने पर आपत्ति के साथ इस बात पर जोर दिया कि ज्ञानवापी मस्जिद के तहखाने में भी सर्वे और वीडियोग्राफी होनी चाहिए. कोर्ट ने फैसला दिया है कि कमिश्नर अजय मिश्रा नहीं बदले जाएंगे और साथ में ताला खोलकर कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने 17 मई तक रिपोर्ट मांगी हैं. अगर कार्रवाई में कोई विरोध करता है तो उस पर एफआईआर करने के आदेश दिए हैं.
* ताजमहल के 22 कमरे खुलवाने की मांग वाली याचिका खारिज
उधर ताजमहल के बंद कमरों को खोलने की याचिका खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि ताजमहल के बारे में रिसर्च करने के बाद ही याचिका डालें. कोर्ट ने याचिका डालने वाले अयोध्या बीजेपी नेता से कहा है कि पीआईएल को मजाक ना बनाएं. पहले पढ़ लें, ताजमहल कब और किसने बनवाया. जस्टिस डीके उपाध्याय ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि पहले जाकर रिसर्च करो. यूनिवर्सिटी जाओ, अब इतिहास को आपके मुताबिक नहीं पढ़ाया जाएगा.
* चार माह के भीतर मथुरा संबंधी सभी अर्जियों के निपटारे का निर्देश
मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा की अदालत को निर्देश देते हुए कहा कि मूल वाद से जुड़ी सभी अर्जियों को जल्द से जल्द निपटाएं. हाईकोर्ट ने इन सभी अर्जियों का अधिकतम 4 महीने में निपटारा करने के निर्देश दिए हैं. हाईकोर्ट ने सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य पक्षकारों के सुनवाई में शामिल ना होने पर एकपक्षीय आदेश जारी करने का निर्देश दिया. बता दें कि, मथुरा की एक अदालत में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई है. पिछले सप्ताह मथुरा की जिला अदालत ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद पर अपना फैसला सुरक्षित रखा था. श्रीकृष्ण जन्मभूमि में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की भी मांग बहुत पुरानी है. कोर्ट ने साल 2020 को मस्जिद को हटाने वाली याचिका खारिज कर दी थी.
* भोजशाला विवाद में याचिका स्वीकार, 8 लोगों को नोटिस
मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित भोजशाला विवाद अब कोर्ट तक पहुंच गया है. एमपी हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने इससे जुड़ी याचिका को स्वीकार कर आठ लोगों को नोटिस जारी किया है. इसमें केंद्र सरकार भी शामिल है. याचिका में कहा गया है कि भोजशाला सरस्वती मंदिर है, यहां मुस्लिमों को नमाज पढ़ने से रोका जाना चाहिए. बता दें कि, धार स्थित भोजशाला का विवाद लंबे समय से चला आ रहा है. हिंदुओं का दावा है कि भोजशाला सरस्वती का मंदिर है. दूसरी ओर मुस्लिम इसे कमाल मौलाना की दरगाह बताते हैं. मगर हर साल सरस्वती पूजा के अवसर पर दोनों समुदाय के लोग सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हैं. एक तरफ मां सरस्वती की पूजा होती है, तो दूसरी तरफ अजान होती है. अब एक हिंदू संगठन हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने हाईकोर्ट की इंदौर पीठ में एक याचिका दायर की है.

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