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आदिवासी समाज के लिए फिर शुरु होगी खावटी योजना

राज्य मंत्रिमंडल के फैसले

हिं.स./दि.१३

मुंबई – प्रदेश सरकार ने कोरोना संकट के कारण आर्थिक कठिनाईयों से गुजर रहे आदिवासियों को राहत दी है. राज्य मंत्रिमंडल ने आदिवासियों के लिए खावटी योजना दोबारा शुरु करने की मंजूरी दी है. बुधवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में साल २०१३-१४ से बंद पडी योजना को दोबारा शुरु करने का फैसला लिया गया. खावटी योजना के तहत प्रति आदिवासी लाभार्थी परिवार को कुल ४ हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा. इसमें २ हजार रुपए के चना, उडद, तुअरदाल, चीनी जैसी वस्तुएं दी जाएंगी. जबकि २ हजार रुपए बैंक खाते में जमा कराए जाएंगे. इस योजना से लगभग ११.५५ लाख आदिवासी लाभार्थियों को फायदा मिल सकेगा. इस योजना को फिलहाल एक साल के लिए शुरु करने का फैसला लिया गया है. मंत्रिमंडल ने इस योजना पर ४८६ करोड रुपए खर्च को मंजूरी दी है. योजना के तहत मनरेगा में काम करने वाले ४ लाख, आदिम जनजाति के २ लाख २६ हजार परिवार, पारधी जनजाति के ६४ हजार परिवार, जरुरतमंद, विधवा, भूमिहीन जैसे ३ लाख परिवार समेत कुल ११ लाख ५५ हजार परिवारों को फायदा मिलेगा. योजना को लागू करने के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) की अध्यक्षता में क्रियान्वयन समिति बनाई गई है.

  • किसान कर्जमाफी के लिए आकस्मिक निधि से राशि

राज्य के किसानों की कर्ज माफी के लिए आकस्मिकता निधि से राशि उपलब्ध कराने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है. मंत्रिमंडल ने महात्मा जोतिराव फुले किसान कर्ज मुक्ति योजना के लिए आकस्मिकता निधि से १ हजार ५०० करोड रुपए उपलब्ध कराने का फैसला लिया है. इसके साथ ही १५० करोड रुपए की आकस्मिकता निधि की की सीमा में १५०० करोड रुपए की अस्थाई रुप से वृद्धि कर १६५० करोड रुपए करने के लिए अध्यादेश जारी किए जाएंगे.

  • राशनकार्ड पर मिलेगा चना दाल

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत राज्य में अंत्योदय अन्न योजना और प्राथमिकता परिवार वाले लाभार्थियों को इस साल जुलाई से नवंबर तक खडे चना के बदले तक किलो चना दाल वितरीत करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी हैं. इसके तहत हर महिने प्रत्येक लाभार्थी राशन कार्ड धारक को एक किलो मुफ्त चना दाल उपलब्ध कराया जाएगा. इसके लिए सरकार की तिजोरी पर ७३ करोड रुपए ३७ लाख रुपए का भार पडेगा. राज्य में खडा चना के बदले चना दाल की पसंद ज्यादा होने के चलते जन प्रतिनिधियों ने दाल उपलब्ध कराने की मांग की थी.

  • निजी विद्यालयों में प्रवेश के लिए प्रतिपूर्ति

राज्य में एसईबीसी और ईडब्ल्यूएस आरक्षण के कारण साल २०१९-२० में सरकारी महाविद्यालय के बदले निजी महाविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले सामान्य वर्ग के ११२ विद्यार्थियों को फीस प्रतिपूर्ति देने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है. मंत्रिमंडल ने सामान्य वर्ग के ११२ विद्यार्थियों को प्रति वर्ष ७ करोड ४९ लाख ३८ हजार ६०० रुपए फीस वहन करने को स्वीकृति दी है. सरकार को फीस प्रतिपूर्ति पर कुल ३३ करोड ६ लाख २३ हजार ४०० रुपए खर्च करना पडेगा.

  • रेसिडेंट डॉक्टरों के स्टाइपेंड में बढोत्तरी

राज्य के १८ सरकारी मेडिकल कॉलेजों और ३ डेंटल कॉलेजों के रेजिडेंट डॉक्टरों के विद्या वेतन यानी स्टाइपेंड में वृद्धि को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है. इसके अनुसार कनिष्ठ रेजिडेंट और वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों के फिलहाल के विद्यावेतन में १० हजार रुपए इस महिने से वृद्धि की गई है. इससे सरकार की तिजोरी पर २९ करोड ६७ लाख ६० हजार रुपए का भार पडेगा. राज्य में कनिष्ठ रेजिडेंट और वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टरों का सुधारित विद्यावेतन ६४ हजार ५५१ रुपए से ७१ हजार २४७ तक हो जाएगा. जबकि डेंटल स्नातकोत्तर विद्यार्थियों का सुधारित विद्यावेतन ४९ हजार ६४८ रुपए से ५५ हजार २५८ रुपए तक होगा.

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