देश दुनिया

भूसंपादन के अभाव में रुका यवतमाल-वर्धा-नांदेड रेल मार्ग

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव की जानकारी

नई दिल्ली/ दि.२९ – यवतमाल-वर्धा-नांदेड को जोडने वाला 284 किमी लंबी दूरी के रेल्वे प्रकल्प को मंजूर हुए 12 साल बितने के पश्चात भी इस प्रकल्प का काम भूसंपादन के अभाव में रुका हुआ है. इस संदर्भ में वनभूमि के संपादन का कार्य पूरा नहीं हुआ है ऐसी जानकारी रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी. रेलमंत्री वैष्णव ने कहा कि 3445 करोड रुपए की निधी से यवतमाल, पुसद, वर्धा, नांदेड रेलमार्ग पर पिछले मार्च माह तक 1486 करोड रुपए खर्च किए गए. 2021-22 वित्त वर्ष में भी इस प्रकल्प के 347 करोड रुपए दिए गए.
केंद्र सरकार की 60 तथा राज्य सरकार की 40 फीसदी भागीदारी तय की गई. इस प्रकल्प के लिए राज्य सरकार के हिस्सें के 183.49 करोड रुपए बाकी है. हिंगोली के शिवसेना सांसद हेमंत पटेल व्दारा पूूछे गए सवालों के जवाब में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव व्दारा यह जानकारी लिखित स्वरुप में दी गई. जिसमें उन्होंने कहा कि 284 किमी लंबी दूरी के प्रकल्प के लिए 1811.73 हेक्टयर जमीन तथा 119.65 हेक्टयर वन जमीन की आवश्यकता है. जिसमें 1455.55 हेक्टयर कृषी जमीन तथा 19.06 हेक्टयर वन जमीन प्राप्त हो चुकी है.
बची हुई 356.18 हेक्टयर कृषी व 100.59 हेक्टयर वन जमीन का संपादन बाकी है. 78 किमी के वर्धा-यवतमाल मार्ग के लिए तथा यवतमाल-नांदेड इस 206 किमी लंबी दूरी के मार्ग में से सिर्फ 79 किमी के कार्य को ऐजंसी व्दारा अंतिम रुप दिया गया है. बाकी 127 किमी के लिए वन विभाग की मंजूरी और कृषी जमीन का संपादन किया जाना बाकी है. बची जमीन का संपादन किए जाने के पश्चात ही निविदा निकाली जाएगी.

Related Articles

Back to top button