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पूर्व राष्ट्रपति का राजकीय सम्मान में किया गया अंतिम संस्कार

बेटे अभिजीत मुखर्जी का छलका दर्द

नई दिल्ली/दि.१ – पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न प्रणब मुखर्जी(Pranab Mukherjee) का मंगलवार अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ लोधी श्मशान घाट पर किया गया. इससे पहले प्रणब दा के पार्थिव शरीर को आर्मी हॉस्पिटल (आरएंडआर) से 10, राजाजी मार्ग स्थित उनके सरकारी आवास पर लाया गया. यहां पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(RAMNATH KOVIND) उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तीनों सेनाओं के प्रमुखों समेत कई वीआईपी ने उनके अंतिम दर्शन किए. इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, थल सेना अध्यक्ष जनरल एम एम नरवणे, वायु सेना प्रमुख आर के एस भदौरिया, नौसेना प्रमुख करमबीर सिंह सहित अन्य प्रमुख हस्तियों ने भी मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित की. वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और हर्षवर्धन, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा ने भी दिवंगत नेता के दर्शन किए और उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसके बाद दिल्ली स्थित लोधी शमशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया. जहां उनके बेटे और कांग्रेस नेता अभिजीत मुखर्जी ने उन्हें मुखाग्नि दी. प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत मुखर्जी का इस मौके पर दर्द छलक गया, उन्होंने बताया कि वे पिता को बंगाल ले जाना चाहते थे लेकिन उनकी ये इच्छा अधूरी ही रह गई.
प्रणब मुखर्जी के बेट अभिजीत मुखर्जी ने कहा कि उनकी उपस्थिति हमारे परिवार के लिए बड़ी थी, हम उसे याद करेंगे. उनका कहना है कि कोरोना उनकी मौत का मुख्य कारण नहीं था, बल्कि उनकी ब्रेन सर्जरी से उनकी सेहत पर गहरा असर पड़ा. उन्होंने कहा कि हम उन्हें पश्चिम बंगाल ले जाना चाहते थे लेकिन कोरोना वायरस के चलते प्रतिबंधों के कारण हम ऐसा नहीं कर पाए. जिसका हमें मलाल रहेगा.
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजीत ने मंगलवार को कहा कि उनकी योजना पश्चिम बंगाल के जंगीपुर में अपने घर की एक मंजिल को पिता की याद में म्यूजियम और लाइब्रेरी में बदलने की है. अभिजीत ने कहा कि वह चाहेंगे कि सरकार उनके पिता के सम्मान में डाक टिकट जारी करे. अभिजीत ने कहा कि उनके पिता ने उनसे कहा था कि राजनीति में किसी से बदला लेने से बचना चाहिए. उनके संदेश स्पष्ट था और मैं इसे हमेशा याद रखूंगा।
बांग्लादेश में एक दिन का राष्ट्रीय शोक
प्रणब मुखर्जी के निधन पर बांग्लादेश ने एक दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया. बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखा है. प्रणब मुखर्जी को बांग्लादेश का सच्चा मित्र बताया है. बांग्लादेश के लोगों के प्यार और सम्मान का जिक्र किया.

सेना के बैंड ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) को अंतिम यात्रा से पहले सेना के बैंड ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. अंतिम यात्रा के रूट पर सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम किए गए. वहीं कोरोना संक्रमण को देखते हुए सारी सावधानी बरती गई.

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