देश के १७ शहरो में विदेशी मरीजों के उपचार में मदद मिलेगी
स्वास्थ्य मंत्रालय ने टूरिज्म बढाने के लिए योजना तैयार की
नई दिल्ली/ दि. २४- इलाज के लिए भारत आनेवाले विदेशी मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए वीसा प्रक्रिया सरल की जायेगी. केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मेडिकल टूरिज्म को बढावा देने के लिए कई मंत्रालयों के साथ मिलकर योजना तैयार की है. इसका लक्ष्य अगले ५ साल में देश में मेडिकल टूरिज्म को ६ अरब डॉलर (४७ हजार करोड रू.) से बढाकर १३ अब डॉलर (१ लाख करोड रूपये) करना है. देश की मेडिकल टूरिज्म हब बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने पहले फेज में १२ राज्यों के १७ शहरों की पहचान की है. इन शहरों में दिल्ली, गुडगांव, अहमदाबाद, मुंबई, पुणे, चंढीगढ, अमृतसर आदि शामिल है. पहले फेज में उन्हीं शहरों के ३७ निजी अस्पतालोें को चुना गया है. जहां पहले से विदेशी पहुंच रहे है. उन राज्यों को शामिल नहीं किया गया है. जहां हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत नहीं है. विदेशी मरीजों की हर तरह की मदद के लिए एक नोडल बॉडी बनेगी.१२ राज्यों में कोऑर्डिनेटर नियुक्त होंगे. विदेश मंत्रालय के अफसर वीसा संबंध मसलों को जल्द सुलझाएंगे.
* विदेशी मरीजों के लिए पहला विकल्प आयुष पध्दति
भारत की परंपरागत चिकित्सा पध्दति को बढावा देनेे के लिए विदेशी मरीजो को पहला विकल्प आयुष पध्दति से इलाज का दिया जायेगा. वहीं, हार्ट सजरी, ऑर्गन ट्रांसप्लांट, कुल्हा और घुटने का प्रत्यारोपण जैसे इलाज पर फोकस बढाया जाएगा. क्योंकि, अभी इन्ही सेवाओं के लिए ज्यादा विदेशी मरीज भारत आ रहे है.
* हर साल विदेश मरीज आए – किस देश से कितने आए
२०१५ २,३३,९१८ बांग्लादेश ५७.५३ प्रश
२०१६ ४,२७,०१० इराक ८.०७ प्रश
२०१७ ४,९५,०५८ मालदीव ७.३१ प्रश
२०१८ ८,४०,७९८ अफगनिस्तान ४.७३ प्रश
२०१९ ६,९७,४५३ ओमान ३.२१ प्रश
* इन १२ राज्यों के ३७ अस्पताल चुने
महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, हरियाणा, प. बंगाल, कर्नाटक, आंध्र, असम ।