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18 दवाई कंपनियों का लाईसेंस रद्द, 20 राज्यों में हुई कार्रवाई

26 कंपनियों को ‘शो कॉज’, 15 दिन से चल रही कार्रवाई

नई दिल्ली/दि.29 – नकली एवं स्तरहीन दवाईयों का उत्पादन रोकने हेतु समूचे देश भर में फार्मा कंपनियों पर कार्रवाई की गई है. जिसके तहत 18 कंपनियों के लाईसेंस सीधे रद्द कर दिए गए है. वहीं 26 कंपनियों को कारण बताओं नोटीस जारी की गई है. देश में विगत 15 दिनों से औषध नियंत्रक द्बारा सघन अभियान चलाया जा रहा है. जिसके तहत 20 राज्यों में जांच मूहिम चलाते हुए 76 दवा कंपनियों द्बारा उत्पादित दवाईयों की जांच की गई. जिसके उपरान्त लाईसेंस रद्द करने और शो कॉज नोटीस जारी करने की कार्रवाई की गई. इन कंपनियों पर नकली दवाई बनाने का आरोप लगाया गया है.
जानकारी के मुताबिक औषध नियंत्रक द्बारा महाराष्ट्र, दिल्ली, बिहार, हरियाणा, गुजरात, उत्तरप्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्रप्रदेश, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश व तेलंगणा इन राज्यों में सघन जांच अभियान चला रखा है.
* इन दवाईयों को मंगाया गया था वापिस
विगत माह गुजरात के झाइडस लाईफ सायंस द्बारा अमरीका के बाजार से गाउट पर इलाज हेतु प्रयोग में लाई जाने वाली जनेरिक दवाई की 55 हजार बोटलों को वापिस मंगाया गया था. क्योंकि यह दवाई शुद्धता की जांच में अपात्र साबित हुई थी.
– इसके साथ ही चेन्नई स्थित एक कंपनी ने आंखों में डाली जाने वाली दवाई को अमरीका से वापिस मंगाया था. क्योंकि अमरीका के दवा प्रशासन ने इस दवाई को खरीदी हेतु पूरी तरह से अयोग्य बताया था.
– भारत में बनाए गए कफ सिरप का सेवन करेन के बाद गांबिया व उजबेकिस्तान में कुछ बच्चों की मौत हो गई थी. जिसके चलते भारतीय दवा कंपनियों के उत्पादों पर सवालियां निशान लगाया गया था.
* 203 कंपनियां रडार पर
कम गुणवत्ता वाली खराब अथवा नकली दवाईयों का उत्पादन करने वाली 203 कंपनियों की पहचान स्वास्थ्य मंत्रालय द्बारा कर ली गई है. जिसके पहले चरण में 76 कंपनियों की जांच की गई. साथ ही तीन कंपनियों को दवा उत्पादन हेतु दी गई अनुमति को रद्द कर दिया गया. इसके अलावा मरीजों की जान से खिलवाड करने वाली 18 कंपनियों के लाईसेंस निरस्त किए गए है और 26 कंपनियों को कारण बताओ नोटीस जारी की गई है.

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