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महाराष्ट्र हिंसा का मुद्दा संसद में उठा

आखिर ठाकरे सरकार में क्यों हुए दंगे? सांसद नवनीत राणा ने किया सवाल

नई दिल्ली /दी.०६- बांग्लादेश में हिंदू मंदिर तोड़े जाने के बाद त्रिपुरा में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए थे. सोशल मीडिया में अफवाह फैली कि यहां मस्जिदों को नुकसान पहुंचाया गया है. इसका असर महाराष्ट्र में दिखाई दिया. महाराष्ट्र के कुछ शहरों में हिंसा (Maharashtra Violence) हुई. त्रिपुरा की घटना को लेकर मुस्लिम संगठनों ने मोर्चे निकाले. इन मोर्चों में हिंसा की घटनाएं हुईं. फिर इसके विरोध में बीजेपी की ओर से अमरावती बंद का आह्वान किया गया. बीजेपी द्वारा बुलाए गए बंद में भी हिंसा  (Amravati Riots) भड़की. बीजेपी इन दंगों के लिए रज़ा अकादमी नाम के संगठन को जिम्मेदार ठहरा रही है और उस पर बैन लगाने की मांग कर रही है. महाराष्ट्र में हुई हिंसा का यह मुद्दा अब संसद में गूंजा है. ठाकरे सरकार पर हमले करते हुए  अमरावती की निर्दलीय सांसद नवनीत रवि राणा (Navneet Ravi Rana) ने ताबड़तोड़ कई सवाल कर डाले हैं.

महाराष्ट्र में हुए दंगों को मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली महाविकास आघाडी सरकार ने क्यों नहीं रोका? ठाकरे सरकार द्वारा  इन दंगों का समर्थन किया जा रहा था क्या? दंगों को लेकर राज्य सरकार की भूमिका पर सवाल करते हुए सांसद नवनीत राणा ने आघाडी सरकार को संसद में घेरा.

नवनीत राणा ने अमरावती दंगे को लेकर ठाकरे सरकार पर दागे ये सवाल

सांसद राणा ने सवाल किया कि,’अमरावती में 12 नवंबर 2021 को बिना पुलिस से इजाजत लिए हजारों की संख्या में भीड़ इकट्ठा हुई. मोर्चे निकाले गए. कुछ राजनीतिक दलों ने मोर्चे को अपना समर्थन दिया. पुलिस ने उन मोर्चों पर क्यों नहीं रोक लगाई? क्या महाराष्ट्र सरकार की इजाजत से मोर्चे निकाले गए? महाराष्ट्र सरकार से जुड़े कुछ नेता उस वक्त भड़काऊ भाषण क्यों दे रहे थे? इस मोर्चे के दौरान जमा हुई भीड़ ने व्यापारियों की दुकानों पर पत्थर फेंके. कुछ लोगों के साथ मारपीट की गई. दुकानों में तोड़फोड़ की गई. इस हिंसा के लिए उपद्रवियों को किसने इतनी हिम्मत दी? इस हिंसा के पीछे कौन है?’

‘फडणवीस सरकार के वक्त दंगे नहीं हुए, ठाकरे सरकार के वक्त क्यों हुए?’

आगे नवनीत राणा ने कहा कि, ‘ इस पूरी घटना की गहराई से जांच की जानी चाहिए. हिंसा को नियंत्रित करने में ठाकरे सरकार बुरी तरह से नाकाम साबित हुई. महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की सरकार के कार्यकाल में इस तरह के सांप्रदायिक दंगे कभी नहीं हुए. लेकिन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनकी तीन तिघाडी सरकार में ऐसे दंगे क्यों हुए? इन दंगों में ठाकरे सरकार की क्या भूमिका रही? इसकी जांच की जाए और पूरे मामले में ठोस कार्रवाई की जाए.’

अमरावती की सांसद ने कहा कि, ‘त्रिपुरा की घटना को लेकर रज़ा अकादमी ने अफवाहें फैलाईं. आग में घी डालने का काम किया. रज़ा अकादमी के केंद्रों पर कार्रवाई की जाए. सिर्फ अमरावती ही नहीं बल्कि नांदेड़ और नासिक के मालेगांव में भी दंगे हुए. ऐसे दंगे करने वालों और करवाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए.’

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