महावितरण के अध्यक्ष लोकेशचंद्र को केंद्रीय सिंचन व उर्जा मंडल का पुरस्कार
उर्जा क्षेत्र में योगदान देने पर नई दिल्ली में आयोजित समारोह में हुए सम्मानित

नई दिल्ली/दि.25 – महावितरण के अध्यक्ष तथा व्यवस्थापकीय संचालक लोकेशचंद्र को केंद्रीय सिंचन व उर्जा मंडल की तरफ से उर्जा क्षेत्र में विशेष योगदान देने पर शुक्रवार 21 मार्च को नई दिल्ली में पुरस्कार प्रदान किया गया. राज्य की अपर मुख्य सचिव (उर्जा) आभा शुक्ला ने यह पुरस्कार स्वीकारा. इस अवसर पर महावितरण के कार्यकारी संचालक दत्तात्रय पडलकर उपस्थित थे.
लोकेशचंद्र ने जून 2023 में महावितरण के अध्यक्ष व व्यवस्थापकीय संचालक के रुप में पदभार संभालने के बाद बिजली ग्राहकों को केंद्र बिंदू मानकर महावितरण की सेवा में सुधार करने पर जोर दिया. साथ ही उन्होंने अपारंपारिक उर्जा का इस्तेमाल करने पर जोर दिया. राज्य में आगामी समय की आवश्यकता को ध्यान में रख उर्जा परिवर्तन प्रारुप चलाने को प्राथमिकता दी. महावितरण द्वारा बिजली खरीदी करार में अपारंपारिक उर्जा पर जोर दिये जाने से आगामी 5 साल में कंपनी के बिजली खरीदी के 1 लाख 30 हजार करोड रुपए बचने वाले है. इसी कारण महावितरण ने पांच साल में चरणबद्ध तरीके से बिजली दर कम करने के लिए महाराष्ट्र बिजली नियामक आयुक्त के पास अनुमति मांगी है. भविष्य में राज्य की बिजली की आवश्यकता कितनी बढेगी और कैसे पूर्ण करना इसका विस्तुत प्लान महावितरण ने तैयार किया है. उस पर अमल जारी है. इस कारण 2030 तक राज्य की 52 प्रतिशत बिजली की आवश्यकता यह अक्षय्य उर्जा के आधार पर पूर्ण होगी. घरेलू ग्राहकों को नि:शुल्क बिजली मिलने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरु की गई प्रधानमंत्री सूर्यघर नि:शुल्क बिजली योजना के अमल पर महावितरण अव्वल है. अब तक 1 लाख 14 हजार ग्राहकों ने योजना का लाभ लिया है. लोकेशचंद्र यह आईटीआई दिल्ली के अभियांत्रिकी स्नातक तथा उन्होंने एमटेक पदवी प्राप्त की है. वे 1993 की बैच के आईएएस अधिकारी है. महावितरण के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी स्वीकारने के पूर्व उन्होंन सिडकों के अध्यक्ष तथा व्यवस्थापकीय संचालक और नागपुर, भंडारा व गोंदिया जिले के जिलाधिकारी के रुप में काम किया है. उन्होंने केंद्र सरकार के उर्जा मंत्रालय में संचालक व पोलाद मंत्रालय में सहसचिव के रुप में काम किया है.